मंडी एयरपोर्ट: केंद्र सरकार से मंजूरी तो मिली, लेकिन चुनौतियां बहुत हैं

मंडी में बल्ह में बनेगा एयरपोर्ट.
Mandi Airport Issue: एएआई की टीम ने मंडी में आकर सरकार की तरफ से चयनित की गई तीनों साइट्स को रिजेक्ट कर दिया और बल्ह में प्रस्तावित साइट को स्वयं चयन किया.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: November 22, 2019, 2:27 PM IST
मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला (Mandi) की बल्हघाटी में प्रस्तावित एयरपोर्ट (Mandi International Airport) को केंद्र सरकार ने अपनी हरी झंडी दिखा दी है, लेकिन जहां पर एयरपोर्ट का निर्माण प्रस्तावित है, वहां इसे धरातल पर उतारना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) के ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project) को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है. केंद्र सरकार ने मंडी जिला की बल्हघाटी में प्रस्तावित एयरपोर्ट निर्माण को अपनी मंजूरी दे दी है. अब यहां केंद्र सरकार प्रदेश के पहले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण करवाएगी. इस पर कितना पैसा खर्च होगा और कब से यह कार्य शुरू होगा, यह अब जल्द ही तय कर लिया जाएगा.
सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट
सीएम जयराम ठाकुर की इच्छा थी कि प्रदेश के मध्य में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बने, ताकि प्रदेश के पर्यटन को और पंख लगाए जा सकें. दो वर्ष पूर्व सीएम बनते ही जयराम ठाकुर ने इस दिशा में अपने प्रयास शुरू कर दिए थे और आज यह प्रयास फलीभूत होते हुए नजर आ रहे हैं. लगातार केंद्र सरकार के समक्ष इस विषय को सीएम ने प्रमुखता से उठाया और इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिलाने में अहम भूमिका निभाई. सीएम ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है और अब इस कार्य को तेज गति के साथ आगे बढ़ाने की बात कही है.
तीन साइट पर हुए सर्वेएयरपोर्ट निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था. इसके लिए जिला के तीन स्थानों का चयन भी किया गया था. एएआई की टीम ने मंडी में आकर सरकार की तरफ से चयनित की गई तीनों साइट्स को रिजेक्ट कर दिया और बल्ह में प्रस्तावित साइट को स्वयं चयन किया. इस साइट के तीन बार सर्वे हुए और अब यह साइट एयरपोर्ट निर्माण के लिए पूरी तरह से उपयुक्त माने जाने के बाद केंद्र सरकार ने यहां एयरपोर्ट निर्माण के लिए हरी झंडी दिखा दी है.

यह हैं चुनातियां
बल्हघाटी के कुछ लोग यहां एयरपोर्ट निर्माण में पक्ष में हैं तो कुछ विपक्ष में. कुछ लोगों का कहना है कि एयरपोर्ट बनना चाहिए और इससे उनके इलाके के विकास को नए पंख लगेंगे और उन्हें रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे. लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोग एयरपोर्ट निर्माण के विरोध में आकर खड़े हो गए हैं. इसके लिए लोगों ने बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति का गठन भी कर दिया है.
‘दो हजार घर तोड़ने पड़ेंगे’
परस राम, अध्यक्ष, हिमाचल किसान सभा, बल्ह इकाई का कहना है कि एयरपोर्ट को ऐसी जगह बनाया जा रहा है जहां दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की घनी आबादी है. अगर, यहां एयरपोर्ट बनता है तो इससे दो हजार घर तोड़ने पड़ेंगे, लगभग दस हजार की आबादी को विस्थापन का दंश झेलना पड़ेगा और हजारों बीघा उपजाऊ भूमि कंकरीट में तबदील हो जाएगी. समिति का कहना है कि वह एयरपोर्ट निर्माण के विरोध में नहीं है, बल्कि इसे किसी ऐसे स्थान पर बनाया जाना चाहिए, जहां कम से कम विस्थापन हो.
कई बार विरोध हुआ
यह समिति अब तक तीन से चार बार जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करके अपना विरोध जता चुकी है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एयरपोर्ट वहीं पर बनेगा जहां पर प्रस्तावित है. यही कारण है कि केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अब आने वाले समय में एयरपोर्ट का निर्माण करवा पाना और जहाज उतार पाना राज्य सरकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा.
ये भी पढ़ें: इंस्पेक्टर कर रहा था टालमटोल, VIDEO बना तो काटा BJP MLA अनिल शर्मा का चालान
हिमाचल के कुल्लू में लकड़ी के मकान में लगी आग, पिता-पुत्र जिंदा जले, मौत
हिमाचल: दुष्कर्म से गर्भवती हुई 16 वर्षीय नाबालिग ने बेटी को दिया जन्म
संतान प्राप्ति की मान्यता ले डूबी! मंदिर के पास नहाने गई मां-बेटी की मौत
Exclusive: योगी सरकार की राह पर प्रशासन, एडवांस स्टडीज का नाम बदलने की तैयारी!
सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट
सीएम जयराम ठाकुर की इच्छा थी कि प्रदेश के मध्य में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बने, ताकि प्रदेश के पर्यटन को और पंख लगाए जा सकें. दो वर्ष पूर्व सीएम बनते ही जयराम ठाकुर ने इस दिशा में अपने प्रयास शुरू कर दिए थे और आज यह प्रयास फलीभूत होते हुए नजर आ रहे हैं. लगातार केंद्र सरकार के समक्ष इस विषय को सीएम ने प्रमुखता से उठाया और इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिलाने में अहम भूमिका निभाई. सीएम ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है और अब इस कार्य को तेज गति के साथ आगे बढ़ाने की बात कही है.
तीन साइट पर हुए सर्वेएयरपोर्ट निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था. इसके लिए जिला के तीन स्थानों का चयन भी किया गया था. एएआई की टीम ने मंडी में आकर सरकार की तरफ से चयनित की गई तीनों साइट्स को रिजेक्ट कर दिया और बल्ह में प्रस्तावित साइट को स्वयं चयन किया. इस साइट के तीन बार सर्वे हुए और अब यह साइट एयरपोर्ट निर्माण के लिए पूरी तरह से उपयुक्त माने जाने के बाद केंद्र सरकार ने यहां एयरपोर्ट निर्माण के लिए हरी झंडी दिखा दी है.

केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट निर्माण को मंजूरी दी है.
यह हैं चुनातियां
बल्हघाटी के कुछ लोग यहां एयरपोर्ट निर्माण में पक्ष में हैं तो कुछ विपक्ष में. कुछ लोगों का कहना है कि एयरपोर्ट बनना चाहिए और इससे उनके इलाके के विकास को नए पंख लगेंगे और उन्हें रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे. लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोग एयरपोर्ट निर्माण के विरोध में आकर खड़े हो गए हैं. इसके लिए लोगों ने बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति का गठन भी कर दिया है.
‘दो हजार घर तोड़ने पड़ेंगे’
परस राम, अध्यक्ष, हिमाचल किसान सभा, बल्ह इकाई का कहना है कि एयरपोर्ट को ऐसी जगह बनाया जा रहा है जहां दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की घनी आबादी है. अगर, यहां एयरपोर्ट बनता है तो इससे दो हजार घर तोड़ने पड़ेंगे, लगभग दस हजार की आबादी को विस्थापन का दंश झेलना पड़ेगा और हजारों बीघा उपजाऊ भूमि कंकरीट में तबदील हो जाएगी. समिति का कहना है कि वह एयरपोर्ट निर्माण के विरोध में नहीं है, बल्कि इसे किसी ऐसे स्थान पर बनाया जाना चाहिए, जहां कम से कम विस्थापन हो.
कई बार विरोध हुआ
यह समिति अब तक तीन से चार बार जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करके अपना विरोध जता चुकी है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एयरपोर्ट वहीं पर बनेगा जहां पर प्रस्तावित है. यही कारण है कि केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अब आने वाले समय में एयरपोर्ट का निर्माण करवा पाना और जहाज उतार पाना राज्य सरकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा.
ये भी पढ़ें: इंस्पेक्टर कर रहा था टालमटोल, VIDEO बना तो काटा BJP MLA अनिल शर्मा का चालान
हिमाचल के कुल्लू में लकड़ी के मकान में लगी आग, पिता-पुत्र जिंदा जले, मौत
हिमाचल: दुष्कर्म से गर्भवती हुई 16 वर्षीय नाबालिग ने बेटी को दिया जन्म
संतान प्राप्ति की मान्यता ले डूबी! मंदिर के पास नहाने गई मां-बेटी की मौत
Exclusive: योगी सरकार की राह पर प्रशासन, एडवांस स्टडीज का नाम बदलने की तैयारी!