सुंदरनगर के बाहोट वार्ड में प्रशासन ने रास्ते से हटाया अतिक्रमण

सुंदरनगर में हटाया गया अतिक्रमण.
नगर परिषद और राजस्व विभाग को दी रिपोर्ट के बाद दीवार हटाने फरमान जारी हुए. प्रेम सिंह, नायब तहसीलदार सुंदरनगर, ने कहा कि बाहोट में अतिक्रमण के संबंध में हाईकोर्ट के आदेश पर नप के सहयोग से कड़ी कार्रवाई करके रास्ता बहाल कर दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 7, 2017, 6:13 PM IST
सुंदरनगर के बाहोट वार्ड में प्रशासन ने रास्ते से अतिक्रमण हटा दिया. हाईकोर्ट के कड़े आदेश पर प्रशासन हरकत में आया और कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. नायब तहसीलदार के नेतृत्व में कानूनगो परस राम, लेख राज मल्होत्रा, मुनीलाल पटवारी, नप के इंजीनियर राजेंद्र गुलेरियां की मौजूदगी में संयुक्त कार्रवाई कर अवैध रूप से बनाई दीवार गिरा दी गई.
गौर हो कि नप के बाहोट वार्ड में आम रास्ते पर कब्जा कर एक पत्थर की दीवार बनाई गई, जिससे क्षेत्र में डेंटल कालेज के प्रशिक्षु, आम लोगों सहित छात्रों की आवाजाही में भारी दिक्कत हो गई थी.
नप और राजस्व विभाग की संयुक्त कार्रवाई के बावजूद और डीसी के आदेशों को दरकिनार कर दस फुट लंबी पत्थर की दीवार हटाया जा सका था. आरोप है कि रास्ते से कब्जा हटाने में नप और राजस्व विभाग एक दूसरे करी टांग खींचते रहे.
बाधित रास्ते को बहाल करने की पहल कौन करे, यह निर्णय भी नहीं कर पाए. स्थानीय लोगों और बाहोट संघर्ष समिति के प्रधान रतन का कहना है कि अगर किसी गरीब घर का एक किनारा भी सरकारी रास्ते में आता, तो अब प्रशासन ने गरीब का घर ही तोड़ डालता है. उन्होंने कहा कि प्रशासन और नप द्वारा मामले में लीपापोती की जाती रही है. बता दें कि बाहोट वार्ड में सर्कुलर सड़क को जोडऩे वाले खसरा सख्या 131 पर सरकारी जमीन पर बने पुराने आम रास्ते पर कुछ लोगों द्वारा दो साल पहले दीवार बनाई गई थी.
नगर परिषद और राजस्व विभाग को दी रिपोर्ट के बाद दीवार हटाने फरमान जारी हुए. प्रेम सिंह, नायब तहसीलदार सुंदरनगर, ने कहा कि बाहोट में अतिक्रमण के संबंध में हाईकोर्ट के आदेश पर नप के सहयोग से कड़ी कार्रवाई करके रास्ता बहाल कर दिया है.
गौर हो कि नप के बाहोट वार्ड में आम रास्ते पर कब्जा कर एक पत्थर की दीवार बनाई गई, जिससे क्षेत्र में डेंटल कालेज के प्रशिक्षु, आम लोगों सहित छात्रों की आवाजाही में भारी दिक्कत हो गई थी.
नप और राजस्व विभाग की संयुक्त कार्रवाई के बावजूद और डीसी के आदेशों को दरकिनार कर दस फुट लंबी पत्थर की दीवार हटाया जा सका था. आरोप है कि रास्ते से कब्जा हटाने में नप और राजस्व विभाग एक दूसरे करी टांग खींचते रहे.
बाधित रास्ते को बहाल करने की पहल कौन करे, यह निर्णय भी नहीं कर पाए. स्थानीय लोगों और बाहोट संघर्ष समिति के प्रधान रतन का कहना है कि अगर किसी गरीब घर का एक किनारा भी सरकारी रास्ते में आता, तो अब प्रशासन ने गरीब का घर ही तोड़ डालता है. उन्होंने कहा कि प्रशासन और नप द्वारा मामले में लीपापोती की जाती रही है. बता दें कि बाहोट वार्ड में सर्कुलर सड़क को जोडऩे वाले खसरा सख्या 131 पर सरकारी जमीन पर बने पुराने आम रास्ते पर कुछ लोगों द्वारा दो साल पहले दीवार बनाई गई थी.
नगर परिषद और राजस्व विभाग को दी रिपोर्ट के बाद दीवार हटाने फरमान जारी हुए. प्रेम सिंह, नायब तहसीलदार सुंदरनगर, ने कहा कि बाहोट में अतिक्रमण के संबंध में हाईकोर्ट के आदेश पर नप के सहयोग से कड़ी कार्रवाई करके रास्ता बहाल कर दिया है.