हिमाचल: मंडी की शाला पंचायत में पति-पत्नी का राज, पत्नी प्रधान तो पति बना उपप्रधान

पत्नी प्रधान तो पति उपप्रधान
इस चुनाव में प्रधान पद की सीट महिला के लिए आरक्षित (Reserved) होने के कारण इन्होंने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा था.
- News18Hindi
- Last Updated: January 18, 2021, 11:51 AM IST
मंडी. हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के बाद अब प्रधान उपप्रधान और वार्ड सदस्यों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के जिला मंडी के गोहर विकासखंड की शाला पंचायत से एक दिलचस्प खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक यहां पति-पत्नी ने प्रधान व उपप्रधान (President and Vice President) पद पर जीत हासिल की है. इससे पंचायत में खुशी का माहौल है.
दरअसल, यहां पर मीनाक्षी ठाकुर प्रधान बनी, जबकि इनके ही पति राजकुमार ठाकुर पंचायत के उपप्रधान बने हैं. बताया जा रहा है कि राजकुमार ठाकुर इससे पहले यहां प्रधान पद पर आसीन थे और पंचायत के लिए उन्होंने 5 करोड़ से अधिक विकास कार्य करवाए. लेकिन, इस चुनाव में प्रधान पद की सीट महिला के लिए आरक्षित होने के कारण इन्होंने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा. जिन्होंने जीत भी हासिल कर ली है. वहीं राजकुमार ठाकुर खुद उप प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, इन्होंने भी जीत हासिल की है.
मनरेगा के तहत 5 करोड़ से अधिक के काम
बता दें कि गोहर पंचायत मनरेगा में किए गए अद्भुत कार्यों के दम पर दूसरी पंचायतों के लिए विकास की एक मिसाल बन गई है. यहां मनरेगा के तहत 2019-20 में रिकॉर्ड 5 करोड़ से अधिक कार्य हुए हैं.सांसद रामस्वरूप शर्मा के भाई वार्ड मेंबर का चुनाव हारे
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में मंडी संसदीय सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाले भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा के बड़े भाई त्रिलोक चंद शर्मा को वार्ड सदस्य के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले और सांसद के गृहक्षेत्र जोगिंद्रनगर उपमंडल के तहत आने वाली नवगठित जलपेहड़ पंचायत के वार्ड-3 से त्रिलोक चंद शर्मा वार्ड सदस्य के चुनाव के लिए मैदान में उतरे थे. उन्हें इसी वार्ड के हरनाम सिंह ने 20 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है.
दरअसल, यहां पर मीनाक्षी ठाकुर प्रधान बनी, जबकि इनके ही पति राजकुमार ठाकुर पंचायत के उपप्रधान बने हैं. बताया जा रहा है कि राजकुमार ठाकुर इससे पहले यहां प्रधान पद पर आसीन थे और पंचायत के लिए उन्होंने 5 करोड़ से अधिक विकास कार्य करवाए. लेकिन, इस चुनाव में प्रधान पद की सीट महिला के लिए आरक्षित होने के कारण इन्होंने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा. जिन्होंने जीत भी हासिल कर ली है. वहीं राजकुमार ठाकुर खुद उप प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, इन्होंने भी जीत हासिल की है.
मनरेगा के तहत 5 करोड़ से अधिक के काम
बता दें कि गोहर पंचायत मनरेगा में किए गए अद्भुत कार्यों के दम पर दूसरी पंचायतों के लिए विकास की एक मिसाल बन गई है. यहां मनरेगा के तहत 2019-20 में रिकॉर्ड 5 करोड़ से अधिक कार्य हुए हैं.सांसद रामस्वरूप शर्मा के भाई वार्ड मेंबर का चुनाव हारे
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में मंडी संसदीय सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाले भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा के बड़े भाई त्रिलोक चंद शर्मा को वार्ड सदस्य के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले और सांसद के गृहक्षेत्र जोगिंद्रनगर उपमंडल के तहत आने वाली नवगठित जलपेहड़ पंचायत के वार्ड-3 से त्रिलोक चंद शर्मा वार्ड सदस्य के चुनाव के लिए मैदान में उतरे थे. उन्हें इसी वार्ड के हरनाम सिंह ने 20 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है.