नाहन. हिमाचल प्रदेश में मॉनसून सीजन में लैंडस्लाइड के मामलों में काफी इजाफा हुआ है. लगातार लैंडस्लाइड से कई जिलों में हाईवे धँस गए. वहीं, जान माल का काफी नुकसान हुआ है. सिरमौर जिला में इस बरसात में हुए कुछ भूस्खलन देखने को मिले थे. इसी कड़ी में जिला प्रशासन सिरमौर की पहल पर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग, चंडीगढ़ से एक वैज्ञानिकों की टीम नाहन पहुंची है. टीम के साथ लोक निर्माण विभाग के अधिकारी नाहन क्षेत्र एवं उसके आसपास के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. उक्त टीम 12 से 14 सितंबर तक जिला सिरमौर के भ्रमण पर रहेगी. टीम जिला के विभिन्न भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों एवं अन्य संभावित क्षेत्रों का विस्तार से अध्ययन करेंगे एवं एक विस्तृत रिपोर्ट जिला एवं राज्य सरकार को सौपेंगी. इसके आधार पर आगामी योजनाएं एवं कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.
जिलाधीश सिरमौर के दिशा निर्देश अनुसार उक्त टीम को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में अध्ययन एवं खोज कार्य करने हेतु रवाना कर दिया गया है. उक्त टीम में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम चंडीगढ़ से डॉक्टर मुकेश वर्मा, वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक के नेतृत्व में एवं उनके साथ मिस तृप्ति बाबा, भू वैज्ञानिक तथा प्रताप जगन आर, भूवैज्ञानिक मौजूद रहे.
पंद्रह स्थानों को चिन्हित किया
सिरमौर में में लगभग 15 ऐसे विशेष स्थानों का चुनाव किया गया है, जो कि भूस्खलन दृष्टि से अति प्रभावित एवं अनुमानित क्षेत्र लोक निर्माण विभाग एवं राष्ट्रीय उच्च मार्ग विभाग, सिरमौर द्वारा चिन्हित किए गए थे. इन सभी क्षेत्रों का उक्त टीम विस्तृत अध्ययन एवं निरीक्षण करके रिपोर्ट जिलाधीश महोदय सिरमौर को प्रेषित करेंगे, ताकि आगामी समय में किसी भी तरह कि भूस्खलन संबंधी आपदाओं से जनता एवं जान-माल का नुकसान कम किया जा सके.
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