सोलन. कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार बड़े बड़े दावे कर रही है कि वह बेहद सजग है और लोगों के स्वास्थ्य की उन्हें बेहद चिंता है. लेकिन हकीकत में यह वादे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. सोलन जिला का क्षेत्रीय अस्पताल इन वादों की पोल खोल रहा है. इस अस्पताल में 10 वेंटिलेटर्स बेड महीनों से धूल फांक रहे हैं. एक ओर देश में वेंटिलेटर बेडों की मांग बढ़ रही हैं, वहीं सोलन के अस्पताल में कोई इनको चलाने वाला नहीं है, ये बेड सफेद हाथी साबित हो रहे हैं.
बताया जा रहा है कोरोना महामारी में भी इन बेडों को इंस्टाल नहीं किया गया है. जिस से पता चलता है कि सरकारी तंत्र कोरोना जैसी महामारी में कितना संवेदनशील है. जहां समूचे देश में वेंटिलेटर्स की कमी देखी जा रही है वहीं सोलन अस्पताल में यह वेंटिलेटर्स धूल फांक रहे हैं.
जानकारी के अनुसार इन मशीनों को चलाने के लिए टैक्निकल स्टाफ नहीं है और न ही इस वार्ड में ऑक्सीजन का उचित प्रबंध है. यही कारण है कि इस सुविधा को महीनों बीतने के बाद भी शुरू नहीं किया गया. ऐसे में अगर कोई रोगी यहां आता है तो उसे मजबूरन निजी अस्पताल या किसी अन्य अस्पताल भेज दिया जाता है. जब इस बारे में एमएस एसएल वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर्स के लिए अलग से वार्ड बनाया है. जहां इन मशीनों को इंस्टाल किया जाएगा. लेकिन, अभी इन मशीनों के कुछ पार्ट अन्य राज्यों से आने थे इसलिए इनको नहीं लगाया गया है.
लॉकडाउन की वजह से हो रही देरी
उन्होंने कहा कि जैसे ही मशीनों के पार्ट्स आ जाएंगे तो जल्द ही वेंटिलेटर को आरम्भ कर दिया जाएगा. सोलन अस्पताल में अन्य वार्डों के बीच कोविड आईसीयू वार्ड बना दिया गया है. जिसे देखकर ऐसा लगता है उसे बिना सोचे समझे बनाया गया है. क्योंकि अगर इस वार्ड में कोविड रोगियों को रखा जाता है तो क्या आसपास चल रहे वार्डों को बंद कर दिया जाएगा. उनकी सुरक्षा का क्या होगा.
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FIRST PUBLISHED : April 27, 2021, 12:35 IST