हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है.
शिमला. हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बयान जारी कर कहा कि जयराम सरकार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के बाद हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री पूरी तरह से बौखला गए हैं.
प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर की शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई सामने आ गई है, इसलिए गोबिंद ठाकुर अनाप-शनाप बयान जारी कर सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं. गोविंद सिंह ठाकुर के बयान को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर उन्हें शिक्षा पर खुली बहस की चुनौती दी है. सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि देखकर खुशी हुई कि हिमाचल में शिक्षा पर चर्चा तो शुरू हुई. आप मुझे हिमाचल के बीजेपी सरकार के स्कूल दिखाएं, मैं आपको दिल्ली में अपनी सरकार के स्कूल दिखाता हूं, फिर हम खुले मंच पर खुली बहस करेंगे, जनता खुद तय करेगी कि किस राज्य में शिक्षा बेहतर काम हुआ है.
ये भी बताते चलें कि 17 मई को शिमला में मनीष सिसोदिया के शिक्षा संवाद कार्यक्रम को हिमाचल के शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने प्रायोजित कार्यक्रम बताया था.
सिसोदिया के इस बयान पर भाजपा ने भी पलटवार किया है. भाजपा प्रदेश महासचिव और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जमवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया और ‘आप’ के नेता अपने बयानों के जरिए जनता को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सच्चाई ये है कि दिल्ली में कुल 1030 स्कूल हैं और इनमें 745 स्कूलों में प्रिंसिपल और 416 स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल तक नहीं हैं.
जमवाल ने कहा कि सिसोदिया हिमाचल में राजनीतिक पर्यटक हैं और वह केवल छुट्टी मनाने हिमाचल आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिसोदिया हमारी सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं, वास्तविकता तो ये हैं कि शिक्षा मानकों के मामले में हिमाचल देश में दूसरे स्थान पर है जबकि दिल्ली ग्यारहवें स्थान पर. त्रिलोक जमवाल ने कहा कि 2015 से 2021 तक दिल्ली में 16 स्कूल बंद कर दिए गए हैं और शिक्षा प्रणाली में 16834 पद खाली हैं. उन्होंने कहा कि नौवीं कक्षा में हर साल एक लाख से ज्यादा छात्र फेल होते हैं, सिसोदिया हिमाचल में किस तरह का शिक्षा मॉडल लाना चाहते हैं.
जमवाल ने कहा कि हिमाचल अपने छात्रों को 15 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान के साथ छात्रवृत्ति प्रदान करता है लेकिन दिल्ली सरकार छात्रों को ऋण प्रदान करती है. दिल्ली में आप सरकार ने दिल्ली उच्च शिक्षा और कौशल विकास के लिए 348 छात्रों को ऋण दिया है. उन्होंने कहा कि ‘आप’ विकास के बजाय विज्ञापनों पर अधिक बजट खर्च करती है, हर साल शिक्षा के लिए 20% के बजट आबंटन में उनके बजट का 40% पैसा लेप्स हो जाता है.
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