शिमला. देश के पहले पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के निधन से देश स्तब्ध है. बीते बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर क्रैश में उनकी जान गई है. जिसमें उनकी धर्मपत्नी समेत 12 सेना के अधिकारियों की मौत हुई है. आज पूरे देश में सभी शहीदों को अंतिम विदाई दी जारी है. शिमला के प्रतिष्ठित स्कूल सेंट एडवर्ड (School St. Edward) में भी उनके लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर स्कूल प्रबंधन और उनके स्कूल के समय सहपाठी रहे पूर्व विद्यार्थियों ने भी श्रद्धांजलि दी.
KBC में भाग लेने वाले अरुणोदय शर्मा (Arunoday Sharma) ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी. अरुणोदय ने कहा कि भले ही आज जनरल बिपिन रावत आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह हमारे दिल में हैं. उन्होंने कहा कि उनके जैसे सिपाही की आज भारत माता को जरूरत है. भगवान से दुआ करते हैं कि वे वापस भारत से जन्म लेकर भारत माता की रक्षा दोबारा करें.
11वीं तक की पढ़ाई सेंट एडवर्ड स्कूल में की
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होने आए उनके सहपाठी रहे धर्मपाल कपूर और चेतन शर्मा ने बताया कि “1971 से 1973 तक जनरल बिपिन रावत ने शिमला के एडवर्ड स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण की थी. वे छोटा शिमला में अपने पिता के साथ रहते थे, क्योंकि उनके पिता आर्मी ट्रेंनिंग कमांड में तैनात थे. उन्होंने बताया कि जब वे उत्तराखंड से शिमला पढ़ने आए तो उन्होंने 9वीं कक्षा में दाखिला लिया और 11वीं कक्षा तक यहां पढ़े.”
उसके बाद वे एनडीए में शामिल होकर सेना में भर्ती हो गए. उन्होंने कहा है कि वे एक फुटबॉल के बहुत बेहतरीन खिलाड़ी थे. टीचर के फेवरेट थे जब भी टीचर कक्षा में कोई भी सवाल पूछते थे तो सबसे पहले बिपिन रावत हाथ खड़ा कर जवाब देते थे. वे अक्सर कहा करते थे कि वे सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते हैं. जिसके चलते वे देश के सेना अध्यक्ष से लेकर देश के पहले सीडीएस भी बने.
वाट्सग्रुप एडवर्ड 73 में उनकी पत्नी ने किया था मैसेज
उन्होंने कहा कि आज वे हमारे बीच नहीं रहे हैं. भगवान उनकी और उनकी पत्नी की आत्मा को शांति दे. उन्होंने बताया कि वे एक रिजर्व किस्म के विद्यार्थी थे और हमेशा हंसते रहते थे. उन्होंने बताया कि हादसे के पहले दिन स्कूल के एक व्हाट्सएप ग्रुप एडवर्ड 73 में उनकी पत्नी ने मैसेज किया था. जिस पर उनकी धर्मपत्नी मालविका अक्सर मैसेज किया करते थे, अभी हाल ही में हेलीकॉप्टर क्रैश से 1 दिन पहले भी उनका मैसेज आया था.
उधर, एडवर्ड के पूर्व में रहे पूर्व विद्यार्थियों का कहना है कि युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत रहे जनरल बिपिन रावत आज हमारे बीच नहीं रहे हैं, जिससे पूरा देश स्तब्ध है.बिपिन रावत को सेना में वीरा के नाम से जाने जाते थे, जो देश की सेवा में अमर हुए हैं.
2019 में आए थे एडवर्ड स्कूल
साल 2019 में शिमला के दौरे पर जब जनरल बिपिन रावत एडवर्ड स्कूल आए थे, तो उनके साथ स्कूल के छात्रों ने सवाल-जवाब भी किए थे. उनका कहना है कि वह एक जनरल की तरह नहीं, बल्कि एक छात्र की तरह स्कूल में आए थे. अपने स्कूल के दिनों को उन्होंने हमारे साथ साझा किया था. कहते थे कि अगर देश सेवा करनी है तो सेना को ज्वाइन करना. उन्होंने इस दौरान बचपन से लेकर सेनाध्यक्ष के पद पर पहुंचने के अनुभव भी शेयर किए. आज वह हमारे बीच नहीं रहे हैं तो भगवान से दुआ करते हैं कि उनकी वह उनकी धर्मपत्नी समेत अन्य सेना के अधिकारियों की आत्मा को शांति दे.
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