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हिमाचल के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले BJP नेता आश्रय शर्मा, लोग बोले-फिर कांग्रेस में जाने का इरादा तो नहीं

आश्रय ने फेसबुक पर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि आज हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की है.

आश्रय ने फेसबुक पर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि आज हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की है.

Himachal Politics: मंडी की सियासत में अहम किरदार निभाने वाले दिवंगत पंडित सुखराम का परिवार दलबदल को लेकर लोगों के निशान ...अधिक पढ़ें

शिमला. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव रहे आश्रय शर्मा ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. उनके पिता भाजपा के निशान पर मंडी सदर से चुनाव लड़े और जीते हैं. अब रविवार को नई दिल्ली में अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा ने हिमाचल के नए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. आश्रय ने मुलाकात से जुड़ी फोटो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डाली, जिन पर लोगों ने प्रतिक्रिया दी है.

आश्रय ने फेसबुक पर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि आज हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की है. इस पोस्ट पर यूर्जस ने कमेंट किए. एक यूर्जस ने लिखा कि क्या अब फिर कांग्रेस में जाने का इरादा तो नहीं है. वहीं, अन्य ने कहा, लगता फिर पलटी मारनी है. वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘अगर आप कांग्रेस में रुके रहते तो आपके पिताजी आज हिमाचल सरकार में मंत्री होते. इसी तरह के कमेंट्स लोगों ने उनकी पोस्ट पर किए और साथ कहा कि बदल दो पार्टी. वहीं, एक यूजर ने पूछा कि कहीं कांग्रेस में जाने का मन तो नहीं कर रहा.

पोस्ट पर यूर्जस ने कमेंट किए.

दलबदल को लेकर निशाने पर अनिल शर्मा का परिवार
मंडी की सियासत में अहम किरदार निभाने वाले दिवंगत पंडित सुखराम का परिवार दलबदल को लेकर लोगों के निशाने पर है. अनिल शर्मा 2012-17 की कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम और भाजपा सरकार में मंत्री बन गए, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सुखराम पोते आश्रय के लिए टिकट मांगने लगे. भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो सुखराम पौते के साथ  कांग्रेस में लौट गए. मंडी लोकसभा सीट से आश्रय ने कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. बेटे की वजह से पिता को अपना मंत्रीपद गंवाना पड़ा.

आश्रय शर्मा ने हिमाचल के नए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की.

भाजपा के विधायक होते हुए भी अगले 3 साल तक हाशिये पर रहे. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले जब कांग्रेस ने अनिल शर्मा को पार्टी में शामिल नहीं किया तो वह भाजपा में रुक गए और चुनाव लड़ा. बाद में बेटे आश्रय शर्मा ने भी पार्टी छोड़ी और भाजपा में शामिल हो गए.

Tags: Himachal Assembly Elections, Himachal BJP, Himachal Congress, Himachal Government

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