पंजाब ने नया वेतन आयोग लागू किया और हिमाचल भी प्रतिबद्ध: CM जयराम

नेरचौक में श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के परिसर में हिमाचल प्रदेश गैर-राजपत्रित कर्मचारी फेडरेशन की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में सीएम.
Pay Commission in Himachal: जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 50,192 करोड़ रुपये का राज्य बजट प्रस्तुत किया है, जिसमें से 20 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन पर व्यय किए जाएंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: April 6, 2021, 1:42 PM IST
मंडी. पंजाब ने नए वेतन आयोग को लागू करने का फैसला किया है और हिमाचल (Himachal Pradesh) भी ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह कहना है हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर का.
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मण्डी (Mandi) के नेरचौक में श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के परिसर में हिमाचल प्रदेश गैर-राजपत्रित कर्मचारी फेडरेशन की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में कहा कि चूंकि वेतन के मामले में हिमाचल प्रदेश पंजाब (Punjab) का अनुसरण करता है और पंजाब ने नए वेतन आयोग (Pay Commission) को लागू करने का फैसला किया है, इसलिए राज्य सरकार वेतन आयोग को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी जायज मांगे शीघ्र पूरी की जाएंगी. उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि संयुक्त समन्वय समिति की बैठक शीघ्र बुलाई जाएगी और कर्मचारियों की मांगों का समाधान किया जाएगा.
कर्मचारियों की सराहना की
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को पिछले लगभग तीन वर्षों के दौरान 2402 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं. भाजपा सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के साथ हमेशा सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध बनाए रखे हैं. राज्य सरकार ने पिछले लगभग तीन वर्षों के दौरान कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के रूप में 1140 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी है. उन्होंने कहा कि दैनिक भोगी कर्मचारियों को दी जाने वाली दिहाड़ी वर्ष 2017 में 210 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन की गई है, जिसके चलते उन्हें 32.40 करोड़ रुपये के अतिरिक्त लाभ प्रदान किए गए हैं. जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन नई पेंशन योजना के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रेच्युटी में वृद्धि की है, जो वर्ष 2003 से 2017 तक सेवानिवृत्त हुए या उनकी मृत्यु हो गई है.इससे उन्हें लगभग 110 करोड़ रुपये के लाभ दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि वित्तीय बाध्यता और कोविड महामारी के कारण लाॅकडाउन के बावजूद प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को समय-समय पर सभी वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं. प्रदेश सरकार ने नई पेंशन योजना के अंतर्गत मूल वेतन, महंगाई भत्ता और एनपीए का राज्य हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है. इससे राज्य सरकार के लगभग 80 हजार कर्मचारियों को 250 करोड़ रुपये का अतिरक्त लाभ मिलेगा.
20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 50,192 करोड़ रुपये का राज्य बजट प्रस्तुत किया है, जिसमें से 20 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन पर व्यय किए जाएंगे. उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान सराहनीय भूमिका निभाने के लिए कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस दौरान यह सुनिश्चित किया कि कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन में कोई कटौती न की जाए, इस दौरान कर्मचारी नेता राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें कर्मचारियों की मांगों के बारे में अवगत करवाया.
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मण्डी (Mandi) के नेरचौक में श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के परिसर में हिमाचल प्रदेश गैर-राजपत्रित कर्मचारी फेडरेशन की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में कहा कि चूंकि वेतन के मामले में हिमाचल प्रदेश पंजाब (Punjab) का अनुसरण करता है और पंजाब ने नए वेतन आयोग (Pay Commission) को लागू करने का फैसला किया है, इसलिए राज्य सरकार वेतन आयोग को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी जायज मांगे शीघ्र पूरी की जाएंगी. उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि संयुक्त समन्वय समिति की बैठक शीघ्र बुलाई जाएगी और कर्मचारियों की मांगों का समाधान किया जाएगा.
कर्मचारियों की सराहना की
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को पिछले लगभग तीन वर्षों के दौरान 2402 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं. भाजपा सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के साथ हमेशा सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध बनाए रखे हैं. राज्य सरकार ने पिछले लगभग तीन वर्षों के दौरान कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के रूप में 1140 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी है. उन्होंने कहा कि दैनिक भोगी कर्मचारियों को दी जाने वाली दिहाड़ी वर्ष 2017 में 210 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन की गई है, जिसके चलते उन्हें 32.40 करोड़ रुपये के अतिरिक्त लाभ प्रदान किए गए हैं. जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन नई पेंशन योजना के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रेच्युटी में वृद्धि की है, जो वर्ष 2003 से 2017 तक सेवानिवृत्त हुए या उनकी मृत्यु हो गई है.इससे उन्हें लगभग 110 करोड़ रुपये के लाभ दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि वित्तीय बाध्यता और कोविड महामारी के कारण लाॅकडाउन के बावजूद प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को समय-समय पर सभी वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं. प्रदेश सरकार ने नई पेंशन योजना के अंतर्गत मूल वेतन, महंगाई भत्ता और एनपीए का राज्य हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है. इससे राज्य सरकार के लगभग 80 हजार कर्मचारियों को 250 करोड़ रुपये का अतिरक्त लाभ मिलेगा.
जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 50,192 करोड़ रुपये का राज्य बजट प्रस्तुत किया है, जिसमें से 20 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन पर व्यय किए जाएंगे. उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान सराहनीय भूमिका निभाने के लिए कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस दौरान यह सुनिश्चित किया कि कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन में कोई कटौती न की जाए, इस दौरान कर्मचारी नेता राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें कर्मचारियों की मांगों के बारे में अवगत करवाया.