हिमाचल में कोरोना पर सरकार पर बरसा हाईकोर्ट, कहा- बाहर से आने वाले का Corona टेस्ट हो जरूरी

हिमाचल हाईकोर्ट ने सरकार को लताड़ लगाई है. ( FILE PHOTO)
Corona Virus in Himachal: हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को रिकॉर्ड 8187 सैंपल जांच के लिए पहुंचे थे. इनमें 837 पॉजिटिव मिले हैं, 18 लोगों की मौत हुई है. प्रदेश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 42697 पहुंच गया है. 8088 सक्रिय मामले और 33880 मरीज ठीक हो चुके हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: December 5, 2020, 2:14 AM IST
शिमला. हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस (COVID-19) के बढ़ते संक्रमण को लेकर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार (Himachal Government) को जमकर लताड़ लगाई है. हाईकोर्ट (High Court) ने तल्ख रुख अख्तियार करते हुए सरकार को कड़े आदेश जारी किए हैं. हिमाचल हाईकोर्ट ने कोरोना को लेकर सरकार को 25 बिंदुओं पर आधारित दिशा-निर्देश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि दूसरे राज्यों से आने वालों के लिए कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया जाए.
हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा-“A stitch in time saves nine.” यानी, यदि आप जल्दी समस्या को सुलझाते हैं तो अतिरिक्त काम से बच सकते हैं. अदालत ने कहा कि सरकार घर में रह रहे मरीजों के लिए भी इलाज की व्यवस्था करे. हॉस्पिटल स्टाफ मरीज़ के सम्पर्क में रहे. एम्बुलेंस की व्यवस्थाएं करने सहित मरीजों को बेहतर खाना खिलाने जैसे दिशा-निर्देश हाईकोर्ट ने जारी किए है. हाईकोर्ट ने सरकार से इस मामले में 10 दिसंबर तक जवाब तलब किया है.
क्या-क्या बोला कोर्ट
जस्टिस त्रिलोक चौहान और जस्टिस ज्यात्सा रेवाल दुआ की खंडपीठ ने ताजा आदेश पारित किए हैं कि केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुरूप वरिष्ठ डॉक्टर कोविड वार्डों का नियमित दौरा करेंगे और सरकार उचित मात्रा में तरल ऑक्सीजन टैंकरों की व्यवस्था करेगी. कोरोना ड्यूटी में तैनात लोग धरना-प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे और यदि उन्हें किसी भी तरह की समस्या है तो वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. कोविड सेवा में तैनात कर्मियों की डाइट और आराम का विशेष ध्यान रखा जाए और जरूरी हो तो एनजीओ और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन से भी सहायता ली जाए.
सरकारी कर्मियों को लेकर दिशा-निर्देश
सरकारी कर्मियों के लिए शिफ्ट में कार्यालय आने का समय सुबह 9:30 और 10:00 तथा शाम जाने का समय 4:30 या 5:00 बजे करने पर सरकार विचार करे. साथ ही लोगों को कोरोना नियमों के प्रति होर्डिंग, रेडियो, टीवी और किताबों के माध्यम से शिक्षित किया जाए. पुलिस महानिदेशक अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करें, जिससे कोई न कंटेनमेंट जोन छोड़कर जाए और कंटेनमेंट जोन में कोई आवाजाही हो.
21 पेज के दिशा-निर्देश दिए
21 पेज के अपने दिशा-निर्देशों में कोर्ट ने कहा कि पंचायतें, स्थानीय निकाय सुनिश्चित करें कि मास्क पहनने, सामाजिक दूरी के नियमों का पूर्णतया पालन हो रहा है. जरूरी वस्तुओं की डिलीवरी के लिए तैनात लोगों का टेस्ट प्राथमिकता के आधार किया जाए. आउटसोर्स पर कोविड मरीजों की सेवाओं में तैनात तृतीय, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता सरकार दे. घर में इलाज ले रहे लोगों से डेडीकेटेड मेडिकल पर्सनल दिन में दो बार संपर्क करे और जानकार ले. साथ ही किसी भी परिवार को कोरोना से ग्रस्त होने पर समाज से बाहर न किया जाए. वहीं, कार्यकारी मजिस्ट्रेट की इजाजत के बिना जनसभा नहीं होगी. इजाजत के बाद स्थानीय पुलिस थाने को सुनिश्चित करना होगा कि जनसभा में निर्धारित लोगों से अधिक भीड़ न हो.

टेस्टिंग की जानकारी साझा करें
हाईकोर्ट ने शिमला, मंडी, धर्मशाला, कुल्लू सोलन, ऊना, हमीरपुर व बिलासपुर जिलों में टेस्टिंग की जानकारी समाचार पत्रों और सोशल मीडिया से देने के भी आदेश दिए. कोविड अस्पतालों में हेल्पलाइन सुविधा सुनिश्चित करने को कहा. कहा कि जो मरीज अपने खर्चे पर नर्स रखना चाहें, उन्हें इसकी अनुमति दी जाए.
हिमाचल में कोरोना का हाल
हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को रिकॉर्ड 8187 सैंपल जांच के लिए पहुंचे थे. इनमें 837 पॉजिटिव मिले हैं, 18 लोगों की मौत हुई है. प्रदेश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 42697 पहुंच गया है. 8088 सक्रिय मामले और 33880 मरीज ठीक हो चुके हैं.
हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा-“A stitch in time saves nine.” यानी, यदि आप जल्दी समस्या को सुलझाते हैं तो अतिरिक्त काम से बच सकते हैं. अदालत ने कहा कि सरकार घर में रह रहे मरीजों के लिए भी इलाज की व्यवस्था करे. हॉस्पिटल स्टाफ मरीज़ के सम्पर्क में रहे. एम्बुलेंस की व्यवस्थाएं करने सहित मरीजों को बेहतर खाना खिलाने जैसे दिशा-निर्देश हाईकोर्ट ने जारी किए है. हाईकोर्ट ने सरकार से इस मामले में 10 दिसंबर तक जवाब तलब किया है.
क्या-क्या बोला कोर्ट
जस्टिस त्रिलोक चौहान और जस्टिस ज्यात्सा रेवाल दुआ की खंडपीठ ने ताजा आदेश पारित किए हैं कि केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुरूप वरिष्ठ डॉक्टर कोविड वार्डों का नियमित दौरा करेंगे और सरकार उचित मात्रा में तरल ऑक्सीजन टैंकरों की व्यवस्था करेगी. कोरोना ड्यूटी में तैनात लोग धरना-प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे और यदि उन्हें किसी भी तरह की समस्या है तो वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. कोविड सेवा में तैनात कर्मियों की डाइट और आराम का विशेष ध्यान रखा जाए और जरूरी हो तो एनजीओ और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन से भी सहायता ली जाए.

कोरोना वायरस.
सरकारी कर्मियों को लेकर दिशा-निर्देश
सरकारी कर्मियों के लिए शिफ्ट में कार्यालय आने का समय सुबह 9:30 और 10:00 तथा शाम जाने का समय 4:30 या 5:00 बजे करने पर सरकार विचार करे. साथ ही लोगों को कोरोना नियमों के प्रति होर्डिंग, रेडियो, टीवी और किताबों के माध्यम से शिक्षित किया जाए. पुलिस महानिदेशक अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करें, जिससे कोई न कंटेनमेंट जोन छोड़कर जाए और कंटेनमेंट जोन में कोई आवाजाही हो.
21 पेज के दिशा-निर्देश दिए
21 पेज के अपने दिशा-निर्देशों में कोर्ट ने कहा कि पंचायतें, स्थानीय निकाय सुनिश्चित करें कि मास्क पहनने, सामाजिक दूरी के नियमों का पूर्णतया पालन हो रहा है. जरूरी वस्तुओं की डिलीवरी के लिए तैनात लोगों का टेस्ट प्राथमिकता के आधार किया जाए. आउटसोर्स पर कोविड मरीजों की सेवाओं में तैनात तृतीय, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता सरकार दे. घर में इलाज ले रहे लोगों से डेडीकेटेड मेडिकल पर्सनल दिन में दो बार संपर्क करे और जानकार ले. साथ ही किसी भी परिवार को कोरोना से ग्रस्त होने पर समाज से बाहर न किया जाए. वहीं, कार्यकारी मजिस्ट्रेट की इजाजत के बिना जनसभा नहीं होगी. इजाजत के बाद स्थानीय पुलिस थाने को सुनिश्चित करना होगा कि जनसभा में निर्धारित लोगों से अधिक भीड़ न हो.

हिमाचल में कोरोना संक्रमण.
टेस्टिंग की जानकारी साझा करें
हाईकोर्ट ने शिमला, मंडी, धर्मशाला, कुल्लू सोलन, ऊना, हमीरपुर व बिलासपुर जिलों में टेस्टिंग की जानकारी समाचार पत्रों और सोशल मीडिया से देने के भी आदेश दिए. कोविड अस्पतालों में हेल्पलाइन सुविधा सुनिश्चित करने को कहा. कहा कि जो मरीज अपने खर्चे पर नर्स रखना चाहें, उन्हें इसकी अनुमति दी जाए.
हिमाचल में कोरोना का हाल
हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को रिकॉर्ड 8187 सैंपल जांच के लिए पहुंचे थे. इनमें 837 पॉजिटिव मिले हैं, 18 लोगों की मौत हुई है. प्रदेश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 42697 पहुंच गया है. 8088 सक्रिय मामले और 33880 मरीज ठीक हो चुके हैं.