COVID-19: तमिलनाडु, चंडीगढ़ के बाद शिमला में बन रही आर्टिफिशियल सेनेटाइज टनल

शिमला में किया जा रहा सेनेटाइज टनल का निर्माण.
पहली आर्टिफिशियल डिसइंफेक्टिड टनल है, जिसमें व्यक्ति को 15 सेकंड के भीतर ही सेनेटाइज किया जाएगा.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: April 12, 2020, 8:19 AM IST
शिमला. कोविड-19 का कहर पूरी दुनिया मे बढ़ता जा रहा है. वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार से लेकर स्वास्थ्य विभाग अपने अपने स्तर पर कार्य कर रहा है. इसके अलावा स्थानीय प्रशासन भी अपने अपने स्तर पर कार्य कर रहा है. वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए नगर निगम शिमला जहां सभी 34 वार्डों को सेनेटाइज कर रहा है. वहीं, अब इस संक्रमण को रोकने के लिए आर्टिफिशियल डिसइंफेटिड टनल स्थापित कर रहा है. इस तरह की यह पहली टनल ,होगी जहां व्यक्ति टनल के भीतर जाकर सेनेटाइज होकर 15 सेकंड के भीतर निकलेगा.
दो शहरों में ऐसी टनल
आर्टिफिशियल टनल के बारे में जानकारी देते हुए स्मार्ट सिटी शिमला के महाप्रबंधक नितिन गर्ग ने बताया कि तमिलनाडु, चंडीगढ़ समेत देश के विभिन्न शहरों में इस तरह की टनल बनाई गई है, लेकिन पहली आर्टिफिशियल डिसइंफेक्टिड टनल है, जिसमें व्यक्ति को 15 सेकंड के भीतर ही सेनेटाइज किया जाएगा.
एक लाख रुपये खर्चउन्होंने बताया कि स्टील और प्लास्टिक फेब्रिकेड टनल में चार फॉग इक्यूपमेंट लगाए जा रहे हैं. जो फॉग के माध्यम से व्यक्ति के कपड़ों में छिपे कीटाणुओं को खत्म करेगा. उन्होंने बताया कि करीब 1 लाख से तैयार की जाने वाली टनल का ट्रायल किया जा रहा है. उसके बाद ही प्रशासन की अनुमति के बाद शहर के किसी मुख्य जगह में स्थापित किया जाएगा.

ट्रायल करेंगे: नितिन गर्ग
नितिन गर्ग ने बताया कि टनल के निर्माण से कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकेगा. इसके अलावा अगर वायरस का प्रकोप खत्म हो जाता है तो इसका उपयोग कहीं और जगह भी किया जा सकेगा. नितिन गर्ग ने बताया कि शुरुआत में यह पहली टनल बनाई जा रही है, जिसके ट्रायल के बाद यदि आवश्यकता पड़ती है तो और टनल का निर्माण किया जाएगा.
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दो शहरों में ऐसी टनल
आर्टिफिशियल टनल के बारे में जानकारी देते हुए स्मार्ट सिटी शिमला के महाप्रबंधक नितिन गर्ग ने बताया कि तमिलनाडु, चंडीगढ़ समेत देश के विभिन्न शहरों में इस तरह की टनल बनाई गई है, लेकिन पहली आर्टिफिशियल डिसइंफेक्टिड टनल है, जिसमें व्यक्ति को 15 सेकंड के भीतर ही सेनेटाइज किया जाएगा.
एक लाख रुपये खर्चउन्होंने बताया कि स्टील और प्लास्टिक फेब्रिकेड टनल में चार फॉग इक्यूपमेंट लगाए जा रहे हैं. जो फॉग के माध्यम से व्यक्ति के कपड़ों में छिपे कीटाणुओं को खत्म करेगा. उन्होंने बताया कि करीब 1 लाख से तैयार की जाने वाली टनल का ट्रायल किया जा रहा है. उसके बाद ही प्रशासन की अनुमति के बाद शहर के किसी मुख्य जगह में स्थापित किया जाएगा.

शिमला में बन रही टनल.
ट्रायल करेंगे: नितिन गर्ग
नितिन गर्ग ने बताया कि टनल के निर्माण से कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकेगा. इसके अलावा अगर वायरस का प्रकोप खत्म हो जाता है तो इसका उपयोग कहीं और जगह भी किया जा सकेगा. नितिन गर्ग ने बताया कि शुरुआत में यह पहली टनल बनाई जा रही है, जिसके ट्रायल के बाद यदि आवश्यकता पड़ती है तो और टनल का निर्माण किया जाएगा.
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