को बतौर कैबिनेट मंत्री दी गई सुविधाएं वापस ले ली हैं. राज्य सचिवालय में ऊर्जा मंत्री के नाते उन्हें कमरा नंबर 229 अलॉट किया गया था.
लोकसभा चुनाव के वक्त उन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद चुनाव संपन्न होते ही अब अनिल शर्मा को अलॉट कमरा
इसके साथ ही शिमला में मिला सरकारी आवास भी वापस लिया गया है और गाड़ी भी वापस ली गई है. हालांकि, आचार संहिता के चलते गाड़ी पहले से ही जीएडी के पास है.क्योंकि इस दौरान सरकारी वाहनों का इस्तेमाल नहीं हो सकता है. गौरतलब है कि अनिल शर्मा को उनके बेटे आश्रय शर्मा के कांग्रेस के टिकट पर मंडी से लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण मंत्रीपद से इस्तीफा देना पड़ा था.
सरकार ने वापस ले ली है. इसके साथ-साथ प्रदेश सरकार ने सचिवालय में एक मंत्री के बैठने की व्यवस्था में भी व्यापक बदलाव किया है. सचिवालय भवन का कमरा-229 जहां पर पूर्व मंत्री अनिल शर्मा का कार्यालय था, उसे अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
यहां उनके नाम का फट्टा भी लग चुका है और कर्मचारी कमरे को सजाने एवं रंग रोगन करने में जुटे हैं. प्रदेश सरकार ने अनिल शर्मा से वाहन तो वापस ले लिया, लेकिन मंत्री आवास नहीं ले सकी. नियमों के मुताबिक मंत्री पद छोड़ने के 15 दिन बाद सरकारी आवास खाली करना होता है.
पूर्व मंत्री अनिल शर्मा ने 12 अप्रैल को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके बेटे को कांग्रेस ने मंडी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. हालांकि अनिल शर्मा अब भी
हैं. उन्होंने भाजपा की सदस्या से इस्तीफा नहीं दिया है.
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FIRST PUBLISHED : May 21, 2019, 13:53 IST