कृषि कानूनों के विरोध किसानों (Farmers) का आंदोलन चल रहा है. इन कानूनों को लेकर सियासत भी खूब हो रही है. वहीं, हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर और कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आंदोलन को लेकन बयान दिया है. सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने आंदोलन को ही अनावश्यक करार दिया है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर अनावश्यक राजनैतिक स्वरूप दिया जा रहा है. इसमें ऐसा कुछ नहीं है, जो किसान विरोधी हो. किसानों के प्रतिनिधियों के साथ होने वाली बैठक से हमें काफी उम्मीदें हैं. पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) के पद्दम विभूषण लौटाने के मुद़दे पर सीएम ने टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि यह उनका निजी फैसला होगा, जिस पर बोलने की आवश्यकता महसूस नहीं होती है.
हिमाचल के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कृषि कानूनों के कारण बिचौलियों का कारोबार बंद हुआ है. हमें दुख होता है कि कुछ सरकारें और राजनैतिक दलों पर बिचौलिए हावी हो गए हैं, जहां भ्रष्टाचार का अड्डा था, वो किसान आंदोलन के पीछ़े खड़े हैं. यह आंदोलन गलत लोगों के हाथों में चला गया है. कुछ लोग अपनी राजनीति के लिए आंदोलन को हवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन कानूनों को लेकर सवाल उठा रहे हैं, वो बताएं कि जो कानून अब तक थे. अगर वो किसान हितैषी थे तो फिर किसान क्यों आत्महत्या कर रहे थे. किसान कर्जे में क्यों डूबा था. तब वो ही लोग सवाल उठाते थे कि किसानों की कोई नहीं सुन रहा है. आज किसानों की सुनी गई तो उसका विरोध कर रहे हैं.
कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि किसानों के इस आंदोलन में असमाजिक तत्व घुस गए हैं. देश में बड़े किसान बहुत कम हैं, जबकि सरकार ने 75 प्रतिशत किसानों को यह ऑप्शन दिया है कि वो अपने समूह बनाकर कृषि उत्पाद अपनी मर्जी से बेच सकते हैं. बता दें कि किसानों की सरकार के साथ दूसरे दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही है. अब पांच दिसंबर को सरकार फिर से बातचीत करेगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : December 04, 2020, 07:06 IST