Himachal News: कर्ज में डूबती जयराम सरकार फिर लेगी 1000 करोड़ रुपए उधार

सीएम जयराम ठाकुर. (फाइल फोटो)
Himachal News: यह लगातार दूसरा महीना है, जब हिमाचल की सरकार एक बार फिर हजार करोड़ का कर्जा लेने जा रही है. सालाना 6500 करोड़ के कर्ज लेने की लिमिट के नियमानुसार बची तिमाही में सरकार 1500 करोड़ रुपए का कर्ज और ले सकती है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 22, 2021, 8:43 AM IST
शिमला. हिमाचल सरकार एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपए का लोन (Loan) लेने जा रही है. दिसंबर माह में भी सरकार ने एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. ऐसे में लगातार दूसरा महीने में सरकार कर्ज लेने जा रही है. राज्य में सत्ता में आने के बाद भाजपानीत सरकार पर 40 हजार करोड़ का कर्ज बढ़कर 58 हजार करोड़ रूपए हो गया है. इस वित्तीय की समाप्ति तक और कर्ज लेने की स्थिति में यह बोझ बढ़कर 60 हजार करोड़ तक हो जाएगा.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में खजाने का अधिकांश हिस्सा सरकारी कर्मियों की तनख्वाह और सेवानिवृत कर्मियों के पेंशन पर जाता है. हालांकि केंद्र से भी मदद मिलती है, लेकिन खुद के आर्थिक संसाधन कम होने के कारण हिमाचल सरकार लगातार कर्ज लेती रहती है.
हिमाचल प्रदेश सरकार इस वित्तीय वर्ष में पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. नियमों के अनुसार, वित्तीय साल में कर्ज लेने की लिमिट 6500 करोड़ रुपये है और वित्तीय वर्ष की यह तीन महीने हैं. अब भी प्रदेश सरकार अंतिम तिमाही में 1500 करोड़ रुपये कर्ज ले सकती है.
हिमाचल राज्य सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का लोन (Loan) लेने के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली है. वहीं, हिमाचल पर अब करीब 58 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है. ऐसे में यह कर्जा लगातार बढता जा रहा है. जब हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार आई थी तो यह कर्जा चालीस हजार करोड़ रुपये के करीब था, जो अब साठ हजार करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में खजाने का अधिकांश हिस्सा सरकारी कर्मियों की तनख्वाह और सेवानिवृत कर्मियों के पेंशन पर जाता है. हालांकि केंद्र से भी मदद मिलती है, लेकिन खुद के आर्थिक संसाधन कम होने के कारण हिमाचल सरकार लगातार कर्ज लेती रहती है.
इस वित्तीय वर्ष में 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज
हिमाचल प्रदेश सरकार इस वित्तीय वर्ष में पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. नियमों के अनुसार, वित्तीय साल में कर्ज लेने की लिमिट 6500 करोड़ रुपये है और वित्तीय वर्ष की यह तीन महीने हैं. अब भी प्रदेश सरकार अंतिम तिमाही में 1500 करोड़ रुपये कर्ज ले सकती है.
लगातार बढ़ता जा रहा है कर्ज
हिमाचल राज्य सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का लोन (Loan) लेने के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली है. वहीं, हिमाचल पर अब करीब 58 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है. ऐसे में यह कर्जा लगातार बढता जा रहा है. जब हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार आई थी तो यह कर्जा चालीस हजार करोड़ रुपये के करीब था, जो अब साठ हजार करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है.