शिमला. हिमाचल प्रदेश की बटालियनों और पुलिस लाइन में तैनात हजारों पुलिसकर्मियों ने 17 जनवरी से मैस के खाने का बहिष्कार कर रखा है. संशोधित पे बैंड की समस्या को दूर करने की मांग पर साल 2015 के बाद भर्ती हुए पुलिसकर्मी इस तरीके से विरोध जता रहे हैं. पुलिसकर्मी इस समस्या को दूर करने की मांग कर रहे हैं और विरोध स्वरूप कर्मचारियों ने मैस का खाना खाना छोड़ कर डयूटी दे रहे हैं.
इस मामले पर पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बयान दिया है. डीजीपी ने कहा कि इस मामले पर एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है, राज्य सरकार ही इस पर निर्णय करेगी. कुंडू ने कहा कि पे स्केल, ग्रेड पे, राशन भत्ता और एक्सट्रा पे का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है.
डीजीपी ने बिना कुछ बोले ही पुलिसकर्मियों से मैस का खाना खाने और विरोध न करने की अपील की. उन्होंने कहा कि लगातार अपील कर रहे हैं, पुलिसकर्मी हमारा परिवार है. ये भी आपको बताते चलें कि बीते मंगलवार को सीएम ने राजधानी शिमला में पत्रकारों के साथ बातचीत में नसीहत देते हुए कहा कि पुलिसकर्मी सयंम रखें. उन्होंने कहा था कि सरकार उनकी मांगो पर गंभीरता से विचार कर रही है. साथ ही सीएम ने ये भी कहा था कि वे राजनीतिक लोगों के कहने पर न चलें, संयम रखें तो अच्छा ही होगा.
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी इस मुद्दे पर सरकार को लगातार घेर रही है. कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश सरकार साल 2015 के बाद के भर्ती हुए पुलिस कर्मचारियों के साथ जो अन्याय कर रही है, उसको कांग्रेस सहन नहीं करेगी. कांग्रेस का कहना है कि 2015 के बाद के लगभग 5000 महिला और पुलिस कर्मचारियों के वेतन में और 2015 से पहले भर्ती पुलिस कर्मचारियों के वेतन में 18000 रुपये का अंतर है, जो नाइंसाफी है.
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