हिमाचल में एक अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू हो गई.
शिमला. हिमाचल प्रदेश की नई आबकारी नीति शराब (HP New Liquor Policy-2023) के शौकीनों के लिए अच्छी खबर लाई है. बीते साल के मुकाबले इस बार लीकर के दामों में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है. वहीं, लोगों को 95 विदेशी और 222 देशी ब्रांड (Liquor Brand) पीने को मिलेंगे. सबसे महंगी बोतल 22 हजार रुपये सीवास रिगल रहेगी.
दरसअल, 1 अप्रैल 2023 से नई आबकारी नीति लागू हो गई है. नई आबकारी नीति के तहत हिमाचल प्रदेश से कुछ शराब के ब्रांड्स महंगे हुए हैं, तो कुछ के दामों में हल्की कमी आई है. नई आबकारी नीति में सुक्खू सरकार ने पांच की जगह चार स्लैब बनाकर अंग्रेजी शराब के दाम तय किए हैं. यही कारण है कि शराब के रेट बहुत अधिक नहीं बढ़े हैं.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में इस बार प्रदेश सरकार ने ऑक्शन के आधार पर ठेकों का आवंटन किया है. इससे पहले, जयराम सरकार में 10 फीसदी वृद्धि के साथ ठेके रिन्यु किए जाते थे. लेकिन इस बार ऑक्शन की वजह से सरकार को 500 करोड़ रुपये से अधिक फायदा हुआ. हालांकि, सरकार ने इस बार 10 रुपये मिल्क सेस भी शराब की प्रति बोतल पर लगाया है. वहीं, काउ सेस अलग है.
नई आबकारी नीति के तहत, अब शराब के ठेके से कोई भी व्यक्ति अधिकतम 4 बोतल शराब और दो पेटी बीयर ले जा सकता है. इससे अधिक शराब या बीयर ले जाने के लिए लाइसेंस की जरूरत रहेगी. वहीं, शराब ठेकों में तय दाम से अधिक कीमत वसूले जाने पर ग्राहक कर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों और निरीक्षकों को शिकायत भी कर सकते हैं. सभी शराब ठेकों में जल्द ही कर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों व निरीक्षकों के फोन नंबर चस्पा कर दिए जाएंगे.
सरकार को हुई 500 करोड़ की अधिक आय
हिमाचल प्रदेश में इस बार ऑक्शन की वजह से सरकार को 40 फीसदी अधिक आय हुई है. कांगड़ा जिले में बोली से सबसे अधिक 296.22 करोड़ रुपये आय हुई. इसके बाद शिमला में 251.11 करोड़ रुपये और मंडी में 181.10 करोड़ रुपये सरकार को बोली से मिले हैं.
वहीं, ऑक्शन में सबसे अधिक वृद्धि किन्नौर (66.05 प्रतिशत), उसके बाद बद्दी (59.66 प्रतिशत), ऊना (52.63 प्रतिशत) और सिरमौर (47.62 प्रतिशत) में दर्ज की गई. नई आबकारी नीति में वर्ष 2023-24 के लिए 2,357 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान था, लेकिन 40 प्रतिशत वृद्धि के साथ हिमाचल को 2,800 करोड़ रुपये की आय हुई है.
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