हिमाचल प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग (Himachal Human Commision) के अध्यक्ष और लोकायुक्त की नियुक्ति में हो रही देरी पर हाईकोर्ट (High Court) की तल्खी के बाद प्रदेश सरकार ने नियुक्ति (Appointment) प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाना प्रारंभ कर दिया है. दोनों मामलों पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. प्रदेश सरकार (Himachal Government) ने हाईकोर्ट में जवाब दायर कर कोर्ट को अवगत करवाया कि
के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए सरकार पहले ही विज्ञापन जारी कर चुकी है. अन्य राज्यों के उच्च न्यायालयों को भी इस बारे में सूचित किया गया है कि उपयुक्त और योग्य आवेदक आयोग के अध्यक्ष पद के लिए आवेदन करें.
हाईकोर्ट के सीजे एल नायारण स्वामी और जस्टिस ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत में प्रदेश सरकार की ओर से जवाब दायर करने के बाद महाधिवक्ता अशोक शर्मा ने कहा कि न्यायालय को सरकार की ओर से उठाए कदमों से अवगत करवाया गया है. महाधिवक्ता अशोक शर्मा ने कहा कि तकनीकी कारणों के चलते अध्यक्ष के पद की नियुक्ति करने में देरी हुई. आयोग के अध्यक्ष पद के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ही
कर सकते हैं. उपयुक्त और योग्य आवेदन आने के बाद प्रदेश सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी.
प्रदेश में 2017 से लोकायुक्त का पद खाली चल रहा है. प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट को अवगत करवाया कि नियुक्ति के नियमों के मुताबिक उपयुक्त और योग्य उम्मीदवार मिलना काफी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में प्रदेश सरकार लोकायुक्त की
हाईकोर्ट के महाधिवक्ता अशोक शर्मा ने कहा कि लोकायुक्त के लिए हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश आवेदन कर सकते है. अशोक शर्मा ने पंजाब और हरियाणा का हलावा देते हुए कहा कि इन राज्यों में भी
की नियुक्ति के लिए नियमों में संशोधन किया गया है. ऐसे में प्रदेश सरकार भी विचार कर सकती है. 4 माह बाद प्रदेश सरकार अपनी कार्रवाई से हाईकोर्ट को अवगत करवाएगी.
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FIRST PUBLISHED : November 13, 2019, 15:49 IST