हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार (Vipen Singh Parmar) की ओर से मॉनसून सत्र से ठीक पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शिरकत करने के बाद नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने कहा कि मॉनसून सत्र बुलाना सरकार की दरियादिली नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है. मुकेश ने कहा कि विधानसभा (Assembly) के नियमों मुताबिक साल में 35 बैठकें बुलाना जरूरी है. ऐसे में अभी इस साल की बाकी बची 20 बैठकों में से 10 बैठकें मॉनसून सत्र में पूरी होंगी.
नेता विपक्ष ने कहा किस कोरोना के चलते मानसून सत्र की बैठकें कम करना किसी भी कीमत में गंवारा नहीं. प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती है. ऐसे में सदन के अंदर सरकार की नाकामियों पर चर्चा होना जनहित में बेहद जरूरी है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष का यह 1 सूत्री एजेंडा है कि मॉनसून सत्र 10 दिनों का मॉनसून सत्र अपने उद्देश्य में पूरा खरा उतरे और जनहित से जुड़े मुद्दों को सरकार के समक्ष उठाने में विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में सफल रहे.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान सदन में सैनिटाइजर,PPE घोटाला और मंत्रियों का जमीन सौदा घोटाला जोर शोर से उठेगा. सरकार को अपनी कारगुजारी का जवाब सदन के अंदर देना होगा और विपक्ष सरकार से जनहित से जुड़े मुद्दों पर सवाल जवाब तलब करेगा.
वहीं, दो दिन के मंडी दौरे पर गए सीएम जयराम ठाकुर ने भी कहा है कि सरकार विपक्ष का सवालों का पुरजोर तरीके से जवाब देगी. सीएम ने कहा कि 7 सितंबर से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है, जिसमें सरकारी जोरदार तैयारी के साथ जाएगी और सवालों का जबाव देगी.
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FIRST PUBLISHED : September 04, 2020, 14:44 IST