ग्लेशियरों का पानी पहाड़ में ही रोकने की तैयारी कर रही जयराम सरकार, ये है प्लान!

स्नो हार्वेस्टिंग के लिए डीपीआर तैयार करने में जुटा जल शक्ति विभाग
हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार ग्लेशियरों का पानी (glacier water) पहाड़ में ही रोकने की तैयारी कर रही है. स्नो हार्वेस्टिंग (Snow harvesting) को लेकर एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: December 1, 2019, 7:23 PM IST
शिमला. हिमाचल के पहाड़ों पर पड़ने वाली बर्फ अब सीधे नदी नालों में नहीं पहुंच पाएगी. जयराम सरकार स्नो हार्वेस्टिंग (Snow harvesting) को लेकर एक प्रोजेक्ट तैयार कर रही है. जल संरक्षण (water conservation) से एक कदम आगे बढ़ते हुए स्नो हार्वेस्टिंग के कॉन्सेप्ट पर काम किया जा रहा है, जिससे सर्दियों में पहाड़ों पर पड़ने वाली बर्फ को ऊपर ही रोका जा सके. जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है. सरकार स्नो हार्वेस्टिंग को लेकर अध्ययन भी करा रही है और इसकी एक डीपीआर भी तैयार की जा रही है. जो कैबिनेट मंजूरी (Cabinet clearance) के बाद केंद्र सरकार को भेजी जाएगी.
बर्फ पिघलकर पानी के रूप बर्बाद नहीं हो ऐसी की जा रही व्यवस्था
हिमाचल में 17 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ों पर सर्दियों में बर्फ गिरती है. लेकिन जब गर्मी आती हैं तो ये बर्फ टूटने लगते हैं और नदी नालों के करीब पहुंच जाते हैं. फिर ग्लेशियर के पिघलने के बाद यह पानी नदियों के माध्यम से समुद्र में जा मिलता है. बहरहाल सरकार पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसे स्ट्रक्चर बनाने जा रही है जिससे ग्लेशियर टूटने के बाद वह नीचे न गिरे ऊपर ही एक जगह इकट्ठा हो जाए और पानी जमीन में ही रिसता रहे ताकि यह पानी बाद में दूसरे जरियों से बाहर निकले.
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि जल्द ही प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो जाएगी. इसके बाद डीपीआर को भारत से वित्तीय मदद या फिर फॉरन फंडिंग के लिए आग्रह किया जाएगा. डीपीआर मंजूर हुई तो प्रदेश स्नो हार्वेस्टिंग करने वाला पहला राज्य बन जाएगा.
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बर्फ पिघलकर पानी के रूप बर्बाद नहीं हो ऐसी की जा रही व्यवस्था
हिमाचल में 17 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ों पर सर्दियों में बर्फ गिरती है. लेकिन जब गर्मी आती हैं तो ये बर्फ टूटने लगते हैं और नदी नालों के करीब पहुंच जाते हैं. फिर ग्लेशियर के पिघलने के बाद यह पानी नदियों के माध्यम से समुद्र में जा मिलता है. बहरहाल सरकार पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसे स्ट्रक्चर बनाने जा रही है जिससे ग्लेशियर टूटने के बाद वह नीचे न गिरे ऊपर ही एक जगह इकट्ठा हो जाए और पानी जमीन में ही रिसता रहे ताकि यह पानी बाद में दूसरे जरियों से बाहर निकले.

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने मीडिया को दी विस्तृत जानकारी
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First published: December 1, 2019, 4:40 PM IST
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