मंत्रिमंडल विस्तार पर बोले धवाला : बनाएंगे तो ठीक है, नहीं बनाएंगे तो भी ठीक

मंत्रिपद की रेस में रमेश धवाला का नाम भी है शामिल
मंत्रिपद की रेस में चल रहे ज्वालामुखी (Jawalamukhi MLA) से विधायक एवं राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला (Ramesh Dhawala) का नाम भी चल रहा है.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: December 2, 2019, 5:58 PM IST
शिमला. मंत्रिमंडल में खाली पदों पर सीएम जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) किसे विराजमान करवाते हैं इस पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं. सीएम मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) के लिए हाई कमान से ईशारा मिलने का इंतजार कर रहे हैं. दूसरी ओर मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए बीजेपी (BJP) विधायक भी जुगाड़ फिट करवा रहे हैं. मंत्रिपद की रेस में चल रहे ज्वालामुखी (Jawalamukhi MLA) से विधायक एवं राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला (Ramesh Dhawala) का नाम भी चल रहा है. न्यूज 18 के साथ बातचीत में धवाला ने मंत्रिपद के लिए खुलकर तो दावेदारी नहीं जताई, लेकिन अपनी ईमानदारी की दुहाई जरूर दी.
धवाला ने कहा - सच्चे मन से समाजसेवा कर रहा हूं
धवाला ने कहा कि उन्हें मंत्रिपद की ज्यादा उत्सकुता नहीं है. उन्होंने कहा कि बनाएंगे तो भी ठीक है और नहीं बनाएंगे तो भी ठीक. वे जहां हैं वहां खुश हैं. यह समाजसेवा है और सच्चे मन से समाजसेवा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री और हाई कमान की नजरों में अगर हमारा पार्टी के लिए कोई योगदान है और कोई बच्चा भी कह दे कि मैंने किसी से भी कभी एक रुपया लिया है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. यह सीएम की सोच पर निर्भर है कि वो किसको मंत्री बनाना चाहते हैं.
रमेश धवाला के मुताबिक यह फूल है जिसे कोई मंदिर में चढ़ा दे या श्मशान घाट पर, ये चढ़ाने वाले की इच्छा है. कुल मिलाकर धवाला ने खुलकर नहीं मगर ईशारों-ईशारों में ही मंत्रिपद में जगह पाने की अपनी इच्छा जरूरी जाहिर कर दी है. रमेश धवाला ने कांगड़ा जिला में वायरल हुए पत्र बम मामले में ज्यादा बोलने से गुरेज किया. उन्होंने इतना जरूर कहा कि जिसने किया होगा वो ही भुगतेगा. मैंने न पत्र पढ़ा न मुझे आरोपों की जानकारी है.
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धवाला ने कहा - सच्चे मन से समाजसेवा कर रहा हूं
धवाला ने कहा कि उन्हें मंत्रिपद की ज्यादा उत्सकुता नहीं है. उन्होंने कहा कि बनाएंगे तो भी ठीक है और नहीं बनाएंगे तो भी ठीक. वे जहां हैं वहां खुश हैं. यह समाजसेवा है और सच्चे मन से समाजसेवा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री और हाई कमान की नजरों में अगर हमारा पार्टी के लिए कोई योगदान है और कोई बच्चा भी कह दे कि मैंने किसी से भी कभी एक रुपया लिया है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. यह सीएम की सोच पर निर्भर है कि वो किसको मंत्री बनाना चाहते हैं.

सीएम मंत्रिमंडल विस्तार के लिए हाई कमान से ईशारा मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
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First published: December 2, 2019, 5:58 PM IST
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