शिमला. हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर जारी है. प्रदेश के कई हिस्सों में हालात चिंताजनक बने हैं. राजधानी शिमला में वीरवार को फिर से भूस्खलन हुआ, सड़क किनारे खड़ी एक गाड़ी मलबे में दब गई. ढली स्थित एचआरटीसी की वर्कशॉप के पास लैंडस्लाइड हुआ. गनीमत रही कि हादसे के वक्त गाड़ी में कोई नहीं था. सड़क के ठीक उपर बने एचआरटीसी के शेड के गिरने का खतरा पैदा हो गया है. इससे आने-जाने वालों को नुकसान हो सकता है.
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 11 जुलाई तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है. मौसम विज्ञान केंद्र ने 8 और 9 जुलाई के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. प्रदेश के मैदानी इलाकों के साथ साथ निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है. कांगड़ा और मंडी जिले में भारी बारिश की संभावना है, जिसके चलते मौसम विभाग ने प्रशासन को अलर्ट जारी किया है. लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला में तैनात मौसम विज्ञानी संदीप शर्मा ने लोगों को अनवाश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है.
8 आठ दिन में 49 लोगों की मौत
प्रदेशभर में हालात किस कदर खराब हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 29 जून से 6 जुलाई तक 49 लोगों की जान गई है और 50 घायल हुए हैं. 8 पक्के और 22 कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है, 17 मवेशियों की मौत हुई है. राजस्व विभाग के अनुसार अब तक 47 करोड़ से ज्यादा के नुकसान का आंकलन किया गया है. कुल्लू में अब भी फ्लैश फ्लड की वजह से 4 युवक लापता हैं. मॉनसून के शुरुआती आठ दिनों में 31 लोगों की मौत सड़क हादसे में हुई है, जबकि पांच लोगों को सांप ने काटा है.
सीएम जय राम ठाकुर ने इस बाबत सभी जिलों के डीसी को अलर्ट रहने और आपात स्थिती से निपटने के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं और कोताही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने आपदा प्रबंधन के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर त्वरित प्रकिया दलों और आपातकालीन केंद्रों को 24 घंटे कार्यशील रखन के आदेश दिए हैं.
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