शिमला में शहीदों के स्टेच्यू न लगाने पर बिफरी DYFI-SFI, MC दफ्तर घेरा

शिमला में निगम दफ्तर में पहुंचे एसएफआई कार्यकर्ता.
डीवाईएफआई के राज्य सचिव चंद्रकांत वर्मा ने कहा कि एक महीने के अंदर अगर नगर निगम शिमला ने मूर्तियों को स्थापित नहीं किया तो डीवाईएफआई उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगा.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: January 17, 2020, 2:53 PM IST
शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla) में शहीद भगत सिंह (Shaheed Bhagat Singh) और स्वामी विवेकानंद की मूर्तियाँ (Statue) न लगाये जाने पर माकपा की युवा ब्रिगेड ने नगर निगम पर हमला बोला है. माकपा (CPIM) के युवा संगठन DYFI और छात्र संगठन एसएफआई ने शुक्रवार को नगर निगम के मेयर का घेराव किया. इन दोनों संगठनों ने इन नेताओं की मूर्तियाँ न लगाए जाने पर सरकार और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि यह सरासर शहीदों (Martyred) का अपमान है.
नौ लाख रुपये का बजट
माकपा के इन दोनों संगठनों DYFI और एसएफआई के मुताबिक़ साल 2016 में दोनों नेताओं की मूर्तियों को स्थापित करने के लिए एक प्रस्ताव पास किया था, जिसमें निगम ने करीब नौ लाख रुपए के बजट का प्रावधान भी किया था, लेकिन भाजपा शासित नगर निगम चार साल बाद भी दोनों नेताओं की मूर्तियाँ स्थापित नहीं कर पाया है.
राजनीति करने का आरोपDYFI के राज्य सचिव चंद्रकांत ने भाजपा शासित नगर निगम पर शहीद नेताओं की मूर्तियाँ स्थापित करने में राजनीति करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि साल 2015 -16 में माकपा शासित नगर निगम ने समरहिल और बालूगंज में शहीद भगत सिंह और स्वामी विवेकानंद की मूर्तियाँ लगाने का प्रस्ताव पास किया था, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी नगर निगम इन दोनों नेताओं की मूर्तियां स्थापित नहीं कर पाया है.
एक माह का अल्टीमेटम
डीवाईएफआई के राज्य सचिव चंद्रकांत वर्मा ने कहा कि एक महीने के अंदर अगर नगर निगम शिमला ने मूर्तियों को स्थापित नहीं किया तो डीवाईएफआई उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगा.
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नौ लाख रुपये का बजट
माकपा के इन दोनों संगठनों DYFI और एसएफआई के मुताबिक़ साल 2016 में दोनों नेताओं की मूर्तियों को स्थापित करने के लिए एक प्रस्ताव पास किया था, जिसमें निगम ने करीब नौ लाख रुपए के बजट का प्रावधान भी किया था, लेकिन भाजपा शासित नगर निगम चार साल बाद भी दोनों नेताओं की मूर्तियाँ स्थापित नहीं कर पाया है.
राजनीति करने का आरोपDYFI के राज्य सचिव चंद्रकांत ने भाजपा शासित नगर निगम पर शहीद नेताओं की मूर्तियाँ स्थापित करने में राजनीति करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि साल 2015 -16 में माकपा शासित नगर निगम ने समरहिल और बालूगंज में शहीद भगत सिंह और स्वामी विवेकानंद की मूर्तियाँ लगाने का प्रस्ताव पास किया था, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी नगर निगम इन दोनों नेताओं की मूर्तियां स्थापित नहीं कर पाया है.
एक माह का अल्टीमेटम
डीवाईएफआई के राज्य सचिव चंद्रकांत वर्मा ने कहा कि एक महीने के अंदर अगर नगर निगम शिमला ने मूर्तियों को स्थापित नहीं किया तो डीवाईएफआई उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगा.
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