हिमाचल में अब 8 लाख परिवार नहीं ले पाएंगे सस्ता राशन, सरकार उठाने जा रही यह कदम

सीएम जयराम ठाकुर समेत सभी मंत्रियों और सभी विधायकों ने डिपो से सस्ता राशन लेना छोड़ दिया है. (प्रतीकात्मक फोटो)
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) पहले भी बजट भाषण में सक्षम लोगों से खुद ही सस्ते राशन की सुविधा छोड़ने की अपील कर चुके हैं.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: May 10, 2020, 8:25 AM IST
शिमला. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में एक बड़ी खबर सामने आई है. अब प्रदेश में करीब 8 लाख परिवार सस्ते दरों पर राशन नहीं ले पाएंगे. राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले को पर विस्तार से चर्चा की गई. इस मामले को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई. अब इस बाबत प्रस्ताव पारित किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, इनकम टैक्स (Income Tax) के दायरे में आने वाले लोगों को सस्ते दरों पर राशन लेने वालों की सूची से हटाया जा सकता है.
अमर उजाला के मुताबिक, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) पहले भी बजट भाषण में सक्षम लोगों से खुद ही सस्ते राशन की सुविधा छोड़ने की अपील कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इनकम टैक्स देने वालों ने सस्ता राशन लेना जारी रखा. यही वजह है कि अब जयराम सरकार ने खुद ही इनकम टैक्स देने वालों लोगों का नाम लिस्ट से हटाने का फैसला किया है. वहीं, सरकार के इस फैसले की सराहना हो रही है. आम जनता भी इस फैसले से खुश है. लोगों का कहना है कि एक लिपिक की तनख्वाह भी 50 हजार के आसपास है. इससे ऊपर के कर्मचारियों का मासिक वेतन इससे ज्यादा है. यह लोग दुकानों से राशन लेने में सक्षम हैं. ऐसे में सक्षम लोगों को खुद ही सस्ता राशन लेना छोड़ देना चाहिए.
विधायकों ने उठाया यह कदम
बता दें कि सीएम जयराम ठाकुर समेत सभी मंत्रियों और सभी विधायकों ने डिपो से सस्ता राशन लेना छोड़ दिया है. इन नेताओं ने गैस पर मिलने वाली सब्सिडी भी छोड़ दी है, ताकि सरकार के इस फैसले से जरूरतमंद लोगों को लाभ हो.ये भी पढ़ें-
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अमर उजाला के मुताबिक, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) पहले भी बजट भाषण में सक्षम लोगों से खुद ही सस्ते राशन की सुविधा छोड़ने की अपील कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इनकम टैक्स देने वालों ने सस्ता राशन लेना जारी रखा. यही वजह है कि अब जयराम सरकार ने खुद ही इनकम टैक्स देने वालों लोगों का नाम लिस्ट से हटाने का फैसला किया है. वहीं, सरकार के इस फैसले की सराहना हो रही है. आम जनता भी इस फैसले से खुश है. लोगों का कहना है कि एक लिपिक की तनख्वाह भी 50 हजार के आसपास है. इससे ऊपर के कर्मचारियों का मासिक वेतन इससे ज्यादा है. यह लोग दुकानों से राशन लेने में सक्षम हैं. ऐसे में सक्षम लोगों को खुद ही सस्ता राशन लेना छोड़ देना चाहिए.
विधायकों ने उठाया यह कदम
बता दें कि सीएम जयराम ठाकुर समेत सभी मंत्रियों और सभी विधायकों ने डिपो से सस्ता राशन लेना छोड़ दिया है. इन नेताओं ने गैस पर मिलने वाली सब्सिडी भी छोड़ दी है, ताकि सरकार के इस फैसले से जरूरतमंद लोगों को लाभ हो.ये भी पढ़ें-
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