हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के राज्य सरकार के फैसले से कर्मचारी गदगद हैं.
हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली (old pension scheme) के राज्य सरकार के फैसले से कर्मचारी गदगद हैं. प्रदेशभर में जगह-जगह कर्मचारी सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार (Sukhwinder Singh Sukhu Govt) का आभार जता रहे हैं. इसी कड़ी में राजधानी शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कर्मचारियों ने मिठाई भी बांटी. कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार के खूब जयकारे लगाए.
एक तरफ जहां कर्मचारियों में खुशी की लहर है, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के सामने ओपीएस की अधिसूचना जारी करना ढेड़ी खीर से कम नहीं है. अधिसूचना जारी करने में अभी समय लग सकता है. केंद्र सरकार के साथ कंपनी के एमओयू में जो नियम और शर्तें हैं, वो अधिसूचना जारी करने में बाधक बनी हुई हैं. वित्त और विधि विभाग इसको लेकर माथा-पच्ची कर रहा है. 10 साल नियमित सेवाकाल के प्रश्न का भी जबाव तलाशा जा रहा है. जिस कर्मचारी नियमित सेवाकाल 10 वर्ष का होता है, वही ओपीएस का पात्र होता है.
नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने बताया कि एक बड़ी शर्त इसमें यह है कि कर्मचारी अपनी मर्जी से एनपीएस से अलग नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ करार हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार पेंशन संबंधी कानून पर संशोधन भी लाना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही समाधान निकाला जाएगा.
बताते चलें कि मंगलवार को सरकार ने वित्त विभाग को ओपीएस के फैसले को लागू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया, नियम और शर्तें अधिसूचित करने के निर्देश दिए हैं. वित्त विभाग ओपीएस के एसओपी जारी करेगा. इस पर जारी कार्यालय ज्ञापन में सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा.
अब सभी कर्मचारियों की नजरें नोटिफिकेशन पर टिकीं हुई हैं कि आखिर किस फॉर्मूले के तहत पुरानी पेंशन दी जाएगी. साल 2003 से पहले सेंट्रल सिविल सर्विस पेंशन रूल 1972 के तहत पेंशन दी जाती थी. इसके अनुसार, सेवानिवृति के अंतिम दिन लिए गए वेतन के 50 फीसदी पेंशन राशि दी जाती थी.
एचपीयू में आभार सभा को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि ओपीएस बहाली के लिए कर्चमारियों ने लंबा संघर्ष किया, कई तरह की प्रताड़ना सही, यहां तक कि पुलिस की लाठियां तक खाई और मुकद्दमे तक झेले. पूर्व सरकार ने तबादले भी किए. उन्होंने कि सुक्खू मंत्रिमंडल ने इच्छाशक्ति दिखाते हुए कर्मचारियों को न केवल सामाजिक सुरक्षा प्रदान की बल्कि सम्मान को भी ऊंचा किया.
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