हिमाचल प्रदेश में अगला बजट सत्र 14 मार्च से शुरू हो रहा है. (FILE PHOTO)
शिमला. हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में ओल्ड पेंशन योजना को लागू कर दिया है. हालांकि, सरकार को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है, लेकिन अब सरकार ने राज्य के राजस्व में इजाफा करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सरकार ने अब प्रदेश में मौजूद हाईड्रो प्रोजेक्ट्स पर वॉटर सेस लगाया है. सरकार ने अध्यादेश को मंजूरी दी है और अब विधानसभा के बजट सत्र में इस अध्यादेश को पारित किया जाएगा. वॉटर सैस से सरकार को एक हजार करोड़ रुपये सालाना आया होगी. गौरतलब है कि सरकार को ओल्ड पेंशन देने के लिए सालाना 1 हजार करोड़ रुपये की ही जरूरत है.
हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार आर्थिक संसाधनों में वृद्धि के लिए विभिन्न कदम उठा रही है. हिमाचल प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाओं पर लगाया गया जल उपकर (वाटर सेस) इन्हीं में से एक है. इस सेस के दायरे में प्रदेश की 172 जल विद्युत परियोजनाओं को लाया गया है. उन्होंने कहा कि केवल इन्हीं चिन्हित जल विद्युत परियोजनाओं से ही राज्य सरकार जल उपकर वसूल करेगी और राज्य के आम जन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. सरकार का कहना है कि राज्य सरकार जल विद्युत परियोजनाओं से वाटर सेस की राशि परियोजना के आकार सहित विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर वसूल करेगी.
कब लागू किया अध्यादेश
प्रदेश सरकार ने 10 मार्च, 2023 से हिमाचल प्रदेश वॉटर सेस ऑन हाईड्रोपावर जनरेशन अध्यादेश लागू कर दिया है. आगामी विधानसभा सत्र में हिमाचल प्रदेश वॉटर सेस ऑन हाईड्रोपावर जनरेशन विधेयक 2023 भी लाया जाएगा, जिसके लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी जल विद्युत परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाया गया है.
आयोग बनाने की तैयारी
जानकारी के अनुसार, 30 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना पर 10 पैसे प्रति घन मीटर, 30 से 60 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 25 पैसे प्रति घन मीटर, 60 से 90 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 35 पैसे प्रति घन मीटर और 90 मीटर से अधिक हेड की पनबिजली परियोजना पर 50 पैसे प्रति घन मीटर सैस सरकार वसूल करेगी. सेस वसूलने के लिए एक आयोग बनाया जाएगा, इसमें अध्यक्ष समेत कुल 4 मेंबर होंगे. आयोग के यह सदस्य प्रशासनिक, लीगल और अनुभव के आधार पर नियुक्त किए जाएंगे.
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