शिमला में पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के लिए पार्षदों से लेनी होगी अनुमति, ये होंगे नियम
Agency:News18 Himachal Pradesh
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शिमला शहर के उपनगरों में स्थित 17 छोटी-बड़ी पार्किंगों में बिना किसी शुल्क चुकाए बगैर गाड़ियां खड़ी कर रहे लोगों को अब इसके लिए भी फीस चुकानी पड़ेगी. पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के लिए लोगों को स्थानीय पार्षद के माध्यम से आवेदन भी करना पडे़गा.
शिमला में सड़क किनारे गाड़ी पार्किंग करनी पड़ रही है.हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर के उपनगरों में स्थित 17 छोटी-बड़ी पार्किंगों में बिना किसी शुल्क चुकाए बगैर गाड़ियां खड़ी कर रहे लोगों को अब इसके लिए भी फीस चुकानी पड़ेगी. पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के लिए लोगों को स्थानीय पार्षद के माध्यम से आवेदन भी करना पडे़गा. निगम प्रशासन के अनुसार शहर की इन छोटी पार्किंगों को चलाने के लिए कोई ठेकेदार नहीं मिल रहा है. कई बार इनके टेंडर किए गए लेकिन कोई आवेदन नहीं आया. ऐसे में नगर निगम को इनसे कोई कमाई नहीं हो पा रही है. खुद नगर निगम के पास भी इतना स्टाफ नहीं है, जिसे यहां तैनात कर शुल्क वसूल की जाए. ऐसे में फैसला लिया गया है कि स्थानीय लोगों को पार्किंग की स्थायी सुविधा देने के लिए पार्षदों के माध्यम से यह पार्किंग चलाई जाए.
पार्किंग के लिए पार्षद से ऐसे लेनी होगी अनुमति
यदि कोई स्थानीय निवासी इन पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी करना चाहता है तो उसे स्थानीय पार्षद के पास आवेदन करना होगा. पार्षद यह पता लगाएंगे कि आवेदनकर्ता स्थानीय निवासी हैं या नहीं? इसके बाद निगम प्रशासन को आवेदन भेजा जाएगा. निगम नियमों के अनुसार तय शुल्क लेकर संबंधित व्यक्ति को पार्किंग की जगह अलॉट कर देगा.
स्थानीय लोगों को मिलेगी प्राथमिकता
अभी तक नगर निगम की इन पार्किंग में लोग मनमर्जी से गाड़ियां पार्क कर रहे हैं. कई दूसरे वार्डों के लोग भी अपनी गाड़ियां दूसरे वॉर्ड की पार्किंग में खड़ी कर रहे हैं. यही वजह है कि स्थानीय लोगों को अपने इलाके में पार्किंग के लिए जगह नहीं मिल पा रही है. पार्षद अब स्थानीय लोगों को इसमें प्राथमिकता देंगे.
पार्किंग अलॉट होने पर संबंधित व्यक्ति को गाड़ी पार्क करने की टेंशन नहीं रहेगी. वहीं, निगम को इससे आय होगी. शुल्क न देने वालों की गाड़ियां पार्किंग से बाहर की जाएंगी.
मेयर कुसुम सदरेट ने बताया कि कई सालों से छोटी पार्किंग के लिए पार्किंग संचालक नहीं मिल रहे थे, जिसके चलते अब वार्ड पार्षद लोगों को पार्किंग में गाडी खड़ी करने की अनुमति देंगे.
पार्किंग के लिए पार्षद से ऐसे लेनी होगी अनुमति
यदि कोई स्थानीय निवासी इन पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी करना चाहता है तो उसे स्थानीय पार्षद के पास आवेदन करना होगा. पार्षद यह पता लगाएंगे कि आवेदनकर्ता स्थानीय निवासी हैं या नहीं? इसके बाद निगम प्रशासन को आवेदन भेजा जाएगा. निगम नियमों के अनुसार तय शुल्क लेकर संबंधित व्यक्ति को पार्किंग की जगह अलॉट कर देगा.
स्थानीय लोगों को मिलेगी प्राथमिकता
अभी तक नगर निगम की इन पार्किंग में लोग मनमर्जी से गाड़ियां पार्क कर रहे हैं. कई दूसरे वार्डों के लोग भी अपनी गाड़ियां दूसरे वॉर्ड की पार्किंग में खड़ी कर रहे हैं. यही वजह है कि स्थानीय लोगों को अपने इलाके में पार्किंग के लिए जगह नहीं मिल पा रही है. पार्षद अब स्थानीय लोगों को इसमें प्राथमिकता देंगे.
पार्किंग अलॉट होने पर संबंधित व्यक्ति को गाड़ी पार्क करने की टेंशन नहीं रहेगी. वहीं, निगम को इससे आय होगी. शुल्क न देने वालों की गाड़ियां पार्किंग से बाहर की जाएंगी.
मेयर कुसुम सदरेट ने बताया कि कई सालों से छोटी पार्किंग के लिए पार्किंग संचालक नहीं मिल रहे थे, जिसके चलते अब वार्ड पार्षद लोगों को पार्किंग में गाडी खड़ी करने की अनुमति देंगे.
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