हिमाचल प्रदेश में क्या श्रीलंका जैसा आर्थिक संकट है? इस बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है.
शिमला. हिमाचल प्रदेश में क्या श्रीलंका (Sri Lanka) जैसा आर्थिक संकट है? इस बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है. सत्ता में काबिज कांग्रेस और या फिर विपक्ष में बैठी भाजपा, दोनों दलों में इस मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. शुरुआत हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के बयान से हुई थी. उन्होंने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कहा था कि हिमाचल में श्रीलंका जैसे हालात हैं और जयराम सरकार ने प्रदेश को आर्थिक संकट में डाल दिया है. बस, फिर क्या था. इस बयान पर सियासी घमासान मच गया. अब भाजपा सरकार को इस मुद्दे पर घेर रही है.
हिमाचल के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सीएम सुखविंदर सिंह के बयान पर पलटवार किया है. जयराम ठाकुर ने शिमला में कहा कि हिमाचल की श्रीलंका के साथ तुलना गलत है. हिमाचल को श्रीलंका के संदर्भ के साथ जोड़ना गलत है. जयराम ने सीएम से पूछा कि उनका सलाहकार कौन है. सीएम को इस तरह की बयानबाजी से परहेज करना चाहिए.
जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम चार साल के बाद कांग्रेस की 10 गारंटी को पूरा करने की बात कर रहे हैं. लेकिन ये तो 40 साल बाद भी पूरा नहीं कर पाएंगे. कांग्रेस सरकार गलत आंकड़े पेश कर रहे है और अभी तक 75 हजार करोड़ का ऋण नहीं है. जब हमारी सरकार का कार्यकाल पूरा हुआ, तब 70 हजार करोड़, लाइबिलिटी का आंकड़ा भी गलत पेश किया. पूर्व सीएम ने कहा कि हिमाचल में भाजपा सरकारों के ही खिलाफ माहौल खड़ा करने की कोशिश की जा रही है, जबकि हिमाचल की इस हालत के लिए कांग्रेस की सरकारें जिम्मेदार. क्योंकि सूबे में अब तक 10 बार कांग्रेस की सरकार रही है. जबकि भाजपा को पांच बार सत्ता मिली है.
सरकार पर दागे सवाल
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में संस्थानों को डीनोटिफाई का क्रम अभी भी जारी है. सरकार अब 386 शैक्षिणक संस्थान बंद करने की तैयारी में है. साथ ही जयराम ठाकुर ने सीएम सुक्खू से ओपीएस लागू करने का फॉर्मला भी पूछा. पूर्व मंत्री विक्रम ठाकुर ने विधायक विकास निधि और श्रीलंका जैसे हालत वाले सीएम के बयान कहा कि सरकार विधायक निधि की अंतिम किस्त जारी करे और यदि हालात श्रीलंका जैसे हैं तो सीपीएस बनाने की क्या जरूरत थी. चेयरमैन और सलाहकारों को कैबिनेट रैंक देने की क्या जरूरत थी, विधायक निधि की किस्त जारी नहीं की तो सभी विधायक सड़कों पर उतरेंगे.
सीएम ने क्या कहा था श्रीलंका जैसे हालात
दरअसल, हिमाचल सरकार में कांग्रेस ने चुनाव से पहले ओल्ड पेंशन, फ्री बिजली और महिलाओं को 1500 रुपये मासिक देने का ऐलान किया था. फिलहाल, सरकार ने ओल्ड पेंशन देने की मंजूरी दे दी है. साथ ही 1500 रुपये मासिक नए वित्तीय वर्ष में देने के लिए कहा है. लेकिन इन सब के बीच सरकार का खजाना खाली है. सीएम सुक्खू के अलावा, तमाम मंत्री कह रहे हैं कि सरकार के पास तो कर्मचारियों का वेतन देने के भी पैसे नहीं है. साथ ही हिमाचल पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. सीएम सुक्खू ने कहा कि 11 हजार करोड़ रुपये एरियर सरकारी कर्मचारियों को देय है. इसी संदर्भ में सीएम ने श्रीलंका जैसे हालात वाला बयान दिया था. अब इस पर सियासत हो रही है.
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