COVID-19: हिमाचल में कहीं भी नहीं होगा सेनेटाइज टनल का इस्तेमाल

शिमला में बनाई गई टनल.
मेयर सत्या कौंडल का कहना है कि निगम ने तमिलनाडु, चंडीगढ़ और लुधियाना की तर्ज पर सेनेटाइज टनल का निर्माण किया है, लेकिन अब सरकार के आदेश पर इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: April 16, 2020, 7:04 AM IST
शिमला. कोरोना वायरस (Corona) की जंग जीतने के लिए बनाई गई सेनेटाइज टनल का इस्तेमाल अब प्रदेश में कहीं भी नही हो सकेगा. प्रदेश स्वास्थय विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देकर टनल (Tunnel) के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. स्वास्थ्य विभाग ने इस सम्बंध में आदेश जारी कर सभी सरकारी और गैर सरकारी विभागों को सेनेटाइज टनल का इस्तेमाल न करने के आदेश जारी किए हैं.
यह कैमिकल घातक
स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि सेनेटाइज टनल में प्रयोग होने वाले कैमिकल सोडियम हाइपोक्लोराइड का सतह, फर्श और उपकरणों को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जबकि इंसान के लिए यह कैमिकल घातक हो सकता है. इसके प्रयोग से इंसान की त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.
शिमला में भी किया गया था निर्माणबता दें कि शिमला में भी कोरोना वायरस से निपटने के लिए नगर निगम शिमला ने स्मार्ट सिटी के तहत करीब एक लाख रुपए से सेनेटाइज टनल का निर्माण किया है, जिसका सफल ट्रायल होने के बाद निगम इसे स्थापित करने के लिए सरकार के आदेशों का इंतज़ार कर रहा था, लेकिन सरकार के नए आदेशों में इन सेनेटाइज टनल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. अब नगर निगम शिमला इसके इस्तेमाल को लेकर असमंजस की स्थिति में है. ऐसे में सेनेटाइज टनल के निर्माण को नगर निगम सवालों के घेरे में है कि क्या नगर निगम शिमला ने टनल के निर्माण से पहले स्वास्थ्य विभाग की सलाह लेना उचित नहीं समझा.
यह बोली मेयर
मेयर सत्या कौंडल का कहना है कि निगम ने तमिलनाडु, चंडीगढ़ और लुधियाना की तर्ज पर सेनेटाइज टनल का निर्माण किया है, लेकिन अब सरकार के आदेश पर इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. अब नगर निगम इसका इस्तेमाल अपने सफाई कर्मचारियों पर कर सकता है. इस पर गुरुवार को होने वाली बैठक में फैसला लिया जाएगा.
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यह कैमिकल घातक
स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि सेनेटाइज टनल में प्रयोग होने वाले कैमिकल सोडियम हाइपोक्लोराइड का सतह, फर्श और उपकरणों को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जबकि इंसान के लिए यह कैमिकल घातक हो सकता है. इसके प्रयोग से इंसान की त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.
शिमला में भी किया गया था निर्माणबता दें कि शिमला में भी कोरोना वायरस से निपटने के लिए नगर निगम शिमला ने स्मार्ट सिटी के तहत करीब एक लाख रुपए से सेनेटाइज टनल का निर्माण किया है, जिसका सफल ट्रायल होने के बाद निगम इसे स्थापित करने के लिए सरकार के आदेशों का इंतज़ार कर रहा था, लेकिन सरकार के नए आदेशों में इन सेनेटाइज टनल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. अब नगर निगम शिमला इसके इस्तेमाल को लेकर असमंजस की स्थिति में है. ऐसे में सेनेटाइज टनल के निर्माण को नगर निगम सवालों के घेरे में है कि क्या नगर निगम शिमला ने टनल के निर्माण से पहले स्वास्थ्य विभाग की सलाह लेना उचित नहीं समझा.
यह बोली मेयर
मेयर सत्या कौंडल का कहना है कि निगम ने तमिलनाडु, चंडीगढ़ और लुधियाना की तर्ज पर सेनेटाइज टनल का निर्माण किया है, लेकिन अब सरकार के आदेश पर इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. अब नगर निगम इसका इस्तेमाल अपने सफाई कर्मचारियों पर कर सकता है. इस पर गुरुवार को होने वाली बैठक में फैसला लिया जाएगा.
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