शिमला एमसी की बैठक के दौरान बहस करते डिप्टी मेयर और महिला पार्षद.
शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla) में पानी के बिल और पानी की दरें शहरवासियों के लिए जहाँ मुसीबत बन गई है, वहीं जनता के प्रतिनिधि पानी मुद्दे पर आपस में उलझ रहे हैं. सोमवार को हुई नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) की मासिक बैठक में एक बार फिर पार्षदों और डिप्टी मेयर के बीच हंगामा देखने को मिला. शहर में पानी (Water) का जिम्मा सम्भाल रहा जल निगम एक साल से ऑनलाइन पानी के बिल देने का दावा कर रहा है. वहीं, कोर और मर्ज एरिया में पानी की अलग-अलग दरों को लेकर खूब हंगामा देखने को मिला.
क्षेत्रवाद फैलाने का आरोप
जल निगम की बीओडी में पानी की अलग अलग दरों को पर कोई हल न निकलने पर संजौली वार्ड पार्षद ने एक बार फिर डिप्टी मेयर (Deputy Mayor) को टारगेट करते हुए निशाना साधा है. भाजपा पार्षद आरती चौहान ने डिप्टी मेयर पर कोर और मर्ज एरिया को क्षेत्रवाद फैलाने का आरोप लगाया है. साथ ही बीओडी की बैठक में सदस्य होने के नाते पानी की दरों पर हल न निकाल पाने का आरोप लगाया है. डिप्टी मेयर और पार्षद के बीच मामला इतना बढ़ा कि पार्षद आरती चौहान डिप्टी मेयर की कुर्सी तक पहुंच गई. बाद में मेयर ने दोनों के बीच बचाव करते हुए मामले पर अब एक विशेष बैठक करने के निर्देश दिए.
यह बोले डिप्टी मेयर
डिप्टी मेयर का कहना है कि निगम में सम्मलित न्यू मर्ज एरिया के लोग व्यावसायिक दरों पर पानी के भरते हैं, लेकिन आज तक इस मसले का हल नहीं निकल पाया है, जबकि कोर एरिया की जनता को कम दरों पर पानी के बिल दिए जाते हैं. इन अलग अलग दरों को लेकर विभाग को एक बार सभी लोगों को पत्र लिखकर बैठक कर इसका हल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि शहर के सभी क्षेत्रों मर्ज और कोर एरिया में एक ही पानी की दरें होनी चाहिए, ताकि किसी को अधिक आर्थिक बोझ न पड़े. उन्होंने कहा कि पार्षद हर बैठक में उनके साथ इस तरह का व्यवहार करती हैं, जिसे सहन नहीं किया जा सकता है और इस मसले का बैठकर हल ढूँढा जाएगा.
विशेष बैठक में सुलझाएंगे- मेयर
नगर निगम मेयर कुसुम सदरेट (Mayor Kusum Sadret) का कहना है कि पानी के बिलों और पानी की दरों को लेकर जो विवाद उपजा है, उसे अगली विशेष बैठक में सुलझा लिया जाएगा. उसके बाद जल निगम की अगली बीओडी बैठक में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहाँ तक डिप्टी मेयर और पार्षद के बीच के विवाद की बात है, उसे सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पार्षद और डिप्टी मेयर जनता के चुने हुए प्रतिनिधि है, जो शहरवासियों के लिए सोचते हैं कभी कभार इस तरह की बहसबाजी हो जाती है, जिसे सुलझा लिया जाएगा.
बरसात से नुकसान पर खर्च होंगे 15 करोड़
मासिक बैठक में शहर से जुड़े विभिन्न विकासकार्यों पर भी मुहर लगी, जिसमे बरसात से हुए नुकसान की भरपाई के लिए करीब 15 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. कुसुम सदरेट ने बताया कि शहर में बरसात से रास्ते, सड़कों और नालियों का बहुत नुक्सान हुआ है, जिसे जल्द दुरुस्त किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके अलावा शहर में कुत्तों और बंदरों की समस्या से निजात पाने के लिए जल्द ही निगम एक कैम्प का आयोजन कर पंजीकरण और टिकाकरण किया जाएगा.
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