मुझको भी तो लिफ्ट करा दे! MC शिमला ने लिफ्ट से हो रही कमाई में मांगी अपनी हिस्सेदारी

शिमला में हर साल बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं.. (FILE PHOTO)
Shimla HPTDC lift income issue: अब तक तक करीब 50 लाख रुपए इस लिफ्ट में नगर निगम के बन रहे है.मगर इसका एक रुपया भी नगर निगम को नहीं मिला है.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: April 9, 2021, 12:00 PM IST
शिमला. हिमाचल प्रदेश के में राजधानी शिमला (Shimla) की नगर निगम ने अपनी आय बढ़ाने के लिए आम जनता पर बोझ डाला है. लेकिन, वह अपना ही पैसा लेने मे नाकाम है. नगर निगम शिमला अपने शेयर के लिए प्रदेश सरकार से गुहार लगा रहा है. शहर को सबसे प्रसिद्ध पर्यटन लिफ्ट (Lift) से होने वाली आय का 30 फीसदी शेयर (Share) न मिलने का मामला नगर निगम शिमला ने प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया है. आम लोगों पर कूड़े की दरों और बिजली का सैस बढ़ाने वाला नगर निगम खुद पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) से लिफ्ट की कमाई में अपना शेयर नहीं ले पाया है .नगर निगम को लिफ्ट की कमाई का तीस फीसदी हिस्सा मिलना है.
दो साल से नहीं ले पाया हिस्सा
जानकारी के अनुसार, शिमला नगर निगम दो सालों से अपने हिस्से का एक भी रुपया नगर निगम इससे नहीं ले पाया है. यह भी तब है, जबकि नगर निगम लगातार आर्थिक तंगी का रोना रो रहा है और इसके चलते शहरवासियों पर सैस को बोझ भी लाद रहा है. हाल ही में नगर निगम ने बिजली और अन्य सैस से बढ़ाए हैं. मगर लिफ्ट के कमाई में बन रही करीब 50 लाख की राशि वह नहीं ले पा रहा. अगर यह राशि मिलती तो यह शहर में विकास कार्यों पर खर्च होती जिससे लोगों को सुविधाएं मिलतीं.
निगम ने लिफ्ट के लिए दी है अपनी जमीनमेयर सत्या कौंडल ने बताया कि मालरोड को कार्ट रोड से जोड़ने वाली लिफ्ट का निर्माण पर्यटन विभाग ने किया है, लेकिन इसके लिए नगर निगम ने अपनी जमीन दी है. लिफ्ट पर्यटन विकास निगम के पास है और कमाई भी उसके पास ही जाती है. ऐसे में एचपीटीडीसी और नगर निगम के बीच एग्रीमेंट हुआ है जिसके तहत नगर निगम को इस लिफ्ट की कमाई का 30 फीसदी हिस्सा हर साल मिलना है.लेकिन पर्यटन विभाग एग्रीमेंट के मुताबिक एक भी रुपया नहीं दे रहा है इस मसले को अब मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया है.ताकि निगम की आमदनी हो सके.
दो साल पहले शुरू हो गई थी नई लिफ्ट
बता दें कि कार्ट रोड़ से मालरोड तक बनी इस लिफ्ट को दो साल पहले शुरू किया गया था. दिसंबर 2018 में इसका उद्घाटन किया गया था और तब से अब तक यह लिफ्ट चल रही है. एचपीटीडीसी की दोनों लिफ्टों से डेढ़ से पौने दो करोड़ की कमाई सालाना कर रहा है. इसमें नई लिफ्ट की हिस्सेदारी ज्यादा है, क्योंकि नई लिफ्ट में पुरानी की तुलना में दुगनी संख्या में लोग सफर करते हैं. इस तरह एक साल में ही इस लिफ्ट से तीस लाख रुपए से भी ज्यादा की हिस्सेदारी नगर निगम की बन रही है. हालांकि, बीते साल कोरोना के कारण लिफ्ट का कार्य प्रभावित जरूर रहा है, मगर लॉकडाउन खुलने के बाद इसका काम बढ़ गया है. इस तरह अब तक तक करीब 50 लाख रुपए इस लिफ्ट में नगर निगम के बन रहे है.मगर इसका एक रुपया भी नगर निगम को नहीं मिला है.
दो साल से नहीं ले पाया हिस्सा
जानकारी के अनुसार, शिमला नगर निगम दो सालों से अपने हिस्से का एक भी रुपया नगर निगम इससे नहीं ले पाया है. यह भी तब है, जबकि नगर निगम लगातार आर्थिक तंगी का रोना रो रहा है और इसके चलते शहरवासियों पर सैस को बोझ भी लाद रहा है. हाल ही में नगर निगम ने बिजली और अन्य सैस से बढ़ाए हैं. मगर लिफ्ट के कमाई में बन रही करीब 50 लाख की राशि वह नहीं ले पा रहा. अगर यह राशि मिलती तो यह शहर में विकास कार्यों पर खर्च होती जिससे लोगों को सुविधाएं मिलतीं.
दो साल पहले शुरू हो गई थी नई लिफ्ट
बता दें कि कार्ट रोड़ से मालरोड तक बनी इस लिफ्ट को दो साल पहले शुरू किया गया था. दिसंबर 2018 में इसका उद्घाटन किया गया था और तब से अब तक यह लिफ्ट चल रही है. एचपीटीडीसी की दोनों लिफ्टों से डेढ़ से पौने दो करोड़ की कमाई सालाना कर रहा है. इसमें नई लिफ्ट की हिस्सेदारी ज्यादा है, क्योंकि नई लिफ्ट में पुरानी की तुलना में दुगनी संख्या में लोग सफर करते हैं. इस तरह एक साल में ही इस लिफ्ट से तीस लाख रुपए से भी ज्यादा की हिस्सेदारी नगर निगम की बन रही है. हालांकि, बीते साल कोरोना के कारण लिफ्ट का कार्य प्रभावित जरूर रहा है, मगर लॉकडाउन खुलने के बाद इसका काम बढ़ गया है. इस तरह अब तक तक करीब 50 लाख रुपए इस लिफ्ट में नगर निगम के बन रहे है.मगर इसका एक रुपया भी नगर निगम को नहीं मिला है.