शिमला. मौसम की बदलती मार व वायरल फीवर के कारण इन दिनों आईजीएमसी का चिल्ड्रन वार्ड रोगियों से भरा पड़ा है. आलम यह है कि 98 बेड वाले वॉर्ड में 108 बच्चे उपचारधीन हैं, जिससे बच्चों के साथ उनके अभिवावकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी शिमला में हाल ही फीवर के कारण 18 बच्चे एडमिट हुए हैं, उनका इलाज किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार आईजीएमसी में प्रतिदिन दर्जनों बच्चे इलाज के लिए आ रहें हैं. ऐसे में चिकित्सकों को भी इलाज काफी परेशानी आ रही है क्योंकि एक बेड पर दो बच्चों को जगह दी गई है.
बता दें कि दो दिन पहले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हुल्लु में एक साथ 90 बच्चों के बीमार होने का मामला प्रकाश में आया था. बीते तीन चार दिनों से बच्चे खांसी, बुखार और गले की दर्द से बीमार चल रहे थे. जानकारी के अनुसार आठवीं कक्षा के सभी 26 बच्चे बीमार पड़ गए थे. इस कारण शिक्षक एवं स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया था.
गर्मी में आइस्क्रीम और ठंडा पानी कर रहा परेशान
आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ राहुल गुप्ता के अनुसार बदलते मौसम में बच्चे बीमार हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण गर्मी में ठंडे पानी और आइस्क्रीम का सेवन है. इस कारण बच्चों को वायरल फीवर हो रहा है. दरअसल पिछले कुछ समय से हिमाचल में तापमान में वृद्धि हो रही है. इस कारण ठंडी चीजों का सेवन भी बढ़ गया है लेकिन यह सेहत के लिए नुकसानदायक है. खासतौर पर इस कारण बच्चों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि वायरल फीवर से बचने के लिए बच्चों को लेकर खास ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों को सीधे ठंडी चीजों का सेवन नहीं करने देना चाहिए. साथ ही मामूली लक्षण दिखाई देने पर भी तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए.
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