शिमला. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की बटालियनों और पुलिस लाइन में तैनात हजारों पुलिसकर्मियों ने एक बार फिर से मेस में बना खाना (Mess Food) छोड़ दिया है. संशोधित पे बैंड की समस्या को दूर करने की मांग पर साल 2015 के बाद भर्ती हुए पुलिसकर्मियों ने ये अनूठा आंदोलन शुरू किया है. विरोध स्वरूप कर्मचारियों ने मेस का खाना खाना छोड़ दिया है. जानकारी के अनुसार, इन्होंने दो टूक कहा है कि जब तक इनकी मांगें सरकार मान नहीं लेती तब तक ये सरकारी खाना नहीं खाएंगे. कुछ समय पहले डीजीपी ने लिखित आदेश जारी कर कहा था कि कोई पुलिसकर्मी (Policeman) मेस का खाना नहीं छोड़ेगा और न ही सोशल मीडिया पर किसी तरह की टिप्पणी करेगा. लेकिन इसका कोई असर होता हुआ नहीं दिख रहा है. सोशल मीडिया पर हैशटैग जस्टिस फोर हिमाचल पुलिस से अभियान चलाया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, पुलिस बटालियन जुन्गा, बनगढ़, स्कोह, पंडोह, जंगलबैरी, बस्सी, कोलर, एसडीआरफ बटालियन और 7 जिलों की पुलिस लाइन में अधिकतर पुलिसकर्मियों ने मेस का खाना छोड़ दिया है. इनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. ऊना, कांगड़ा, चंबा, मंडी और हमीरपुर जिले में सभी मेस चल रही हैं, क्योंकि इन जिलों में 2015 के बाद भर्ती कोई पुलिस का जवान तैनात नहीं है. इनकी संख्या प्रदेशभर में 5500 के करीब है, जिनमें से अधिकतर मेस का खाना छोड़ ड्यूटी पर जा रहे हैं.
सभी को समान वेतन मिलना चाहिए
इस बाबत राजधानी शिमला में सोमवार को जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से पीटरहॉफ में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जानकारी उन्हें नहीं है. वहीं, दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जय राम सरकार में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है. ये सरकार अक्षम है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार में फैसला लेने की क्षमता होती तो आज फोर्स के लोगों को ये कदम नहीं उठाना पड़ता. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में अगर गलती हुई है तो उसे ठीक किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की वेतन विसंगति का मसला ज्यादा बड़ा नहीं है. सरकार को इनकी मांगे मान लेनी चाहिए. सभी को समान वेतन मिलना चाहिए.
नए पे स्केल से खत्म हो रहे हैं
वहीं, दूसरी ओर इन पुलिसकर्मियों की ओर से लगातार प्रेस विज्ञप्ति जारी की जा रही है. 15 जनवरी को मीडियाकर्मियों को ई-मेल के जरिए भेजे गए प्रेस नोट के माध्यम पुलिसकर्मी ये लिख रहे हैं कि ‘आप सब मीडिया के लोगों से हमारा निवेदन है कि आप सब को हमारे संशोधित पे बैंड की समस्याओं और हमारी मांगों का मालूम है. हमारी समस्या बिल्कुल ही जायज है. हम हिमाचल के क्लास 3 कर्मचारियों के बराबर कहीं भी नहीं आ रहे हैं. हमें क्लास 3 में सबसे कम वेतन दिया जा रहा है. रेगुलर होकर भी. अब छठे पे कमीशन से हम 5910+1900 पे बैंड पे जो हमारी सैलरी फिक्स होगी उसी पर रह जाएंगे. आगे जाकर ग्रेड पे और पे बैंड नए पे स्केल से खत्म हो रहे हैं.
हमें हमारा हक दिलाने में अपनी मदद करें
पुलिस कांस्टेबल खुद के लिए आवाज उठा नहीं सकता है. अगर उठाने लगे तो हमारे अपने ही ऑफिसर सरकार के दबाव में आकर हमें चुप करवा देते हैं. हमारा अपने प्रदेश के मीडिया भाईयों से अपील है कि हमें आप अपना साथ दें. हमें हमारा हक दिलाने में अपनी मदद करें.
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