कोरोना वैक्सीनेशन के बाद आंगनबाड़ी वर्कर की मौत पर IGMC का बयान, गुलिन बार सिंड्रोम से पीड़ित थी महिला

हिमाचल में कोरोना वैक्सीनेश का दूसरा चरण. (सांकेतिक तस्वीर)
Corona Virus Vaccination in Himachal: आईजीएमसी प्रशासन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. डॉ.जनक राज ने साफ किया कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: February 23, 2021, 10:49 AM IST
शिमला. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में आंगनबाड़ी वर्कर की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने के बाद मौत हो गई. सूबे के सबसे बड़े अस्पताल और मेडिकल कॉलेज (Medical College) आईजीएमसी (IGMC) में हमीरपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत हुई है.
महिला की तबीयत कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद बिगड़ गई थी. उसे दो बड़े अस्पतालों से रेफर करने के बाद शिमला लाया गया था. अब कोरोना वैक्सीन पर सवाल उठ रहे हैं और कथित तौर पर कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद हुई मौत के मामले पर आईजीएमसी प्रशासन का बयान आया है.

एमएस डॉ.जनक राज ने दिया स्पष्टीकरणIGMC के एमएस डॉ.जनक राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि महिला गुलिन बार सिंड्रोम से पीड़ित थी. ये नसों से संबंधित गंभीर बीमारी है. प्राथमिक जांच में अब तक कोरोना वैक्सीन से मौत होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं. डॉ. जनक राज ने कहा कि महिला का पोस्टमॉर्टम किया गया और तय निर्देशों के तहत पेथोलॉजी पोस्टमॉर्टम भी किया गया है. पेथोलॉजी पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि एक-दो हफ्तों में रिपोर्ट आ जाएगी. साथ ही कहा कि कोरोना वैक्सीन की गुणवत्ता पर सवाल उठाना सही नहीं है.
महिला को नहीं हुआ था कोरोना
एमएस ने बताया कि महिला को कोरोना नहीं था, न पहले हुआ न बीमार होने के बाद हुआ. बता दें कि महिला कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर थी. 29 जनवरी को उसे टीका लगा था. 6 फरवरी को इनकी तबीयत खराब हुई थी. इन्हें टांगों सहित शरीर के कुछ अन्य हिस्सों में कमजोरी महसूस हो रही थी. हमीरपुर से इन्हें कांगड़ा स्थित टांडा मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया था. टांडा मेडिकल कॉलेज से महिला को बीती शनिवार रात को आईजीएमसी रेफर किया था. आईजीएमसी में रविवार सुबह महिला की मौत हो गई था. उसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि कहीं महिला की मौत कोविशील्ड वैक्सीन लगाने से तो नहीं हुई. इसको लेकर चल रही अफवाहों को लेकर आईजीएमसी प्रशासन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. डॉ.जनक राज ने साफ किया कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए.
महिला की तबीयत कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद बिगड़ गई थी. उसे दो बड़े अस्पतालों से रेफर करने के बाद शिमला लाया गया था. अब कोरोना वैक्सीन पर सवाल उठ रहे हैं और कथित तौर पर कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद हुई मौत के मामले पर आईजीएमसी प्रशासन का बयान आया है.

शिमला का आईजीएमसी अस्पताल. ( FILE PHOTO)
एमएस डॉ.जनक राज ने दिया स्पष्टीकरणIGMC के एमएस डॉ.जनक राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि महिला गुलिन बार सिंड्रोम से पीड़ित थी. ये नसों से संबंधित गंभीर बीमारी है. प्राथमिक जांच में अब तक कोरोना वैक्सीन से मौत होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं. डॉ. जनक राज ने कहा कि महिला का पोस्टमॉर्टम किया गया और तय निर्देशों के तहत पेथोलॉजी पोस्टमॉर्टम भी किया गया है. पेथोलॉजी पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि एक-दो हफ्तों में रिपोर्ट आ जाएगी. साथ ही कहा कि कोरोना वैक्सीन की गुणवत्ता पर सवाल उठाना सही नहीं है.
महिला को नहीं हुआ था कोरोना
एमएस ने बताया कि महिला को कोरोना नहीं था, न पहले हुआ न बीमार होने के बाद हुआ. बता दें कि महिला कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर थी. 29 जनवरी को उसे टीका लगा था. 6 फरवरी को इनकी तबीयत खराब हुई थी. इन्हें टांगों सहित शरीर के कुछ अन्य हिस्सों में कमजोरी महसूस हो रही थी. हमीरपुर से इन्हें कांगड़ा स्थित टांडा मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया था. टांडा मेडिकल कॉलेज से महिला को बीती शनिवार रात को आईजीएमसी रेफर किया था. आईजीएमसी में रविवार सुबह महिला की मौत हो गई था. उसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि कहीं महिला की मौत कोविशील्ड वैक्सीन लगाने से तो नहीं हुई. इसको लेकर चल रही अफवाहों को लेकर आईजीएमसी प्रशासन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. डॉ.जनक राज ने साफ किया कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए.