हिमाचल के इस इलेक्ट्रिशियन की रातों-रात बदली किस्मत, बन गया करोड़पति

ऊना जिला के गांव चुरुडू के रहने वाले संजीव कुमार की लॉटरी लग गई.
ऊना जिला के गांव चुरुडू के रहने वाले संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) की रातोंरात किस्मत खुल गई. संजीव की पंजाब स्टेट लॉटरी (Lottery) दिवाली बंपर में 2.5 करोड़ रुपये (2.5 Crore Rupees) की लॉटरी लगी है.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: November 3, 2019, 6:11 PM IST
ऊना. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में ऊना जिला के गांव चुरुडू के रहने वाले संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) की रातोंरात किस्मत खुल गई. संजीव की पंजाब स्टेट लॉटरी (Lottery) दिवाली बंपर में 2.5 करोड़ रुपये (2.5 Crore Rupees) की लॉटरी लगी है. लॉटरी लगने की सूचना मिलते ही संजीव के घर में खुशी की लहर दौड़ गई है.
दरअसल संजीव कुमार पेंटर, प्लंबर और इलेक्ट्रिशियन का काम करता है और पिछले तीन सालों से लॉटरी डालकर अपनी किस्मत आजमा रहा था, लेकिन इस बार दिवाली बंपर ने संजीव की किस्मत बदल दी. संजीव इनामी राशि को बच्चों के भविष्य और अपने लिए व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहा है.
बेटे का पीजीआई चंडीगढ़ करवाने गए थे चेकअप
संजीव ने बताया कि वो पीजीआई चंडीगढ़ में अपने बेटे का चेकअप करवाकर वापस आ रहा था, तभी नंगल पंजाब में बस अड्डे के पास उसने लॉटरी का स्टॉल देखा और ए और बी सीरीज की दो लॉटरी टिकट खरीद ली. इनमें से एक लॉटरी संजीव ने खुद चुनी जबकि एक लॉटरी उसने अपने बेटे के हाथ से निकलवाई. जो लॉटरी की टिकट संजीव के बेटे ने चुनी थी, उसी टिकट पर इनाम निकला है.
बच्चों का भविष्य बनाने पर करेंगे इनामी राशि खर्च
संजीव की मानें तो वह इस राशि को अपने बच्चों के भविष्य और खुद के व्यवसाय करने पर खर्च करने की योजना बना रहा है. संजीव के घर पत्नी और एक बेटा और एक बेटी है. संजीव की मानें तो उसने कभी नहीं सोचा था कि उसे इतनी बड़ी इनामी राशि निकलेगी.
वहीं संजीव के पिता किशोरी लाल ने कहा कि उसने अपने बेटों को बिजली और प्लंबर का काम सिखाया और उसके बेटे अपने काम को दिल लगाकर करते है. वहीं किशोरी लाल ने बेटे संजीव को इनामी राशि का सही से उपयोग करने की भी नसीहत दी है.
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दरअसल संजीव कुमार पेंटर, प्लंबर और इलेक्ट्रिशियन का काम करता है और पिछले तीन सालों से लॉटरी डालकर अपनी किस्मत आजमा रहा था, लेकिन इस बार दिवाली बंपर ने संजीव की किस्मत बदल दी. संजीव इनामी राशि को बच्चों के भविष्य और अपने लिए व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहा है.
बेटे का पीजीआई चंडीगढ़ करवाने गए थे चेकअप
संजीव ने बताया कि वो पीजीआई चंडीगढ़ में अपने बेटे का चेकअप करवाकर वापस आ रहा था, तभी नंगल पंजाब में बस अड्डे के पास उसने लॉटरी का स्टॉल देखा और ए और बी सीरीज की दो लॉटरी टिकट खरीद ली. इनमें से एक लॉटरी संजीव ने खुद चुनी जबकि एक लॉटरी उसने अपने बेटे के हाथ से निकलवाई. जो लॉटरी की टिकट संजीव के बेटे ने चुनी थी, उसी टिकट पर इनाम निकला है.
बच्चों का भविष्य बनाने पर करेंगे इनामी राशि खर्च
संजीव की मानें तो वह इस राशि को अपने बच्चों के भविष्य और खुद के व्यवसाय करने पर खर्च करने की योजना बना रहा है. संजीव के घर पत्नी और एक बेटा और एक बेटी है. संजीव की मानें तो उसने कभी नहीं सोचा था कि उसे इतनी बड़ी इनामी राशि निकलेगी.
वहीं संजीव के पिता किशोरी लाल ने कहा कि उसने अपने बेटों को बिजली और प्लंबर का काम सिखाया और उसके बेटे अपने काम को दिल लगाकर करते है. वहीं किशोरी लाल ने बेटे संजीव को इनामी राशि का सही से उपयोग करने की भी नसीहत दी है.
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