में शामिल किया गया है. इस फैसले से ऊना जिला के किसान गदगद हो गए हैं. ऊना को आलू का हब माना जाता है. यहां के किसान वर्ष भर में दो बार
की बिजाई करते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से मौसम के बदले रूख से आलू की फसल तबाह हो रही है. यही वजह है कि यहां के किसान आलू को फसल बीमा योजना में लाने की मांग कर रहे थे. अब किसानों की फसल बीमा योजना की मांग तो पूरी हो गई है, लेकिन अब किसान बहुत लंबे से आलू के समर्थन मूल्य की मांग भी उठा रहे हैं.
ऊना जिले के आलू उत्पादक आलू को फसल बीमा योजना के तहत शामिल किए जाने से काफी खुश हैं. दरअसल, ऊना जिले में लगभग 1200 हेक्टेयर भूमि पर आलू की पैदावार की जाती है. यहां हर वर्ष 15 से 17 हज़ार मीट्रिक टन आलू की पैदावार होती है.
ऊना जिले में मुख्यत: दो किस्म के आलू की पैदावार अधिक होती है, जिसमें पुखराज तथा चंद्रमुखी शामिल है. जिले में सैंकड़ों किसान आलू के उत्पादन से अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. हालांकि, मौसम की बेरुखी के चलते किसानों की पिछली दो फसले पूरी तरह से तबाह हो गई थी.
किसानों की मानें तो आलू के फसल बीमा योजना में शामिल किए जाने से हमारे नुकसान की भरपाई की उम्मीद जग गई है.
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FIRST PUBLISHED : February 15, 2019, 15:06 IST