बाल वैज्ञानिकों ने बनाया मॉडल: मोबाइल से ऑपरेट होगी खेतों की सिंचाई और बचेगा पानी

सीबीएसई की क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में इस मॉडल को प्रदर्शित किया गया था.
ऊना के जेएस विजडम स्कूल के आठवीं कक्षा के लक्ष्य और गुरमनप्रीत ने इस मॉडल को तैयार किया है.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: November 26, 2019, 5:37 PM IST
ऊना. हिमाचल प्रदेश के ऊना (Una) जिला के छात्रों ने किसानों के समय की बचत और पानी की बर्बादी (Water Wastage) को रोकने के लिए एक मॉडल (Modal) तैयार किया है. यह मॉडल सीबीएसई (CBSE) की राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली विज्ञान प्रदर्शनी (Science Exhibition) में प्रदर्शित किया जाएगा. मॉडल के तहत किसान कहीं से भी सिर्फ एक मोबाइल (Mobile Phone) कॉल के जरिये खेतों में सिंचाई के लिए पानी (Water) को ऑन और ऑफ कर सकते है.
एक स्तर पर पहुंचते ही यह पानी खुद भी बंद हो जाएगा. ऊना के जेएस विजडम स्कूल के आठवीं कक्षा के लक्ष्य और गुरमनप्रीत ने इस मॉडल को तैयार किया है. हाल ही में पंचकूला में आयोजित हुई सीबीएसई की क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में इस मॉडल को प्रदर्शित किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के लिए इस मॉडल का चयन हुआ है.
ऊना में भी गिर रहा है जलस्तर
जहाँ के ओर पूरा देश पानी की किल्लत से जूझ रहा है. वहीँ, हिमाचल प्रदेश का जिला ऊना भी इस समस्या से अछूता नहीं है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ देश के 255 ब्लॉक में पानी का स्तर बहुत ही नीचे जा रहा है. इन्हीं ब्लॉक में जिला ऊना भी शुमार है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ऊना जिला में एक दशक में भू-जल स्तर लगभग 2 मीटर नीचे गया है, जो कि बेहद गंभीर स्थिति है. इसका मुख्य कारण पानी की बर्बादी है, ऊना जिला में ही जमीन के नीचे मौजूद पानी से 148 प्रतिशत ज्यादा प्रयोग हो रहा है. इस चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए ऊना के छात्रों का द्वारा तैयार किया गया मॉडल कारगर साबित हो सकता है.65 स्कूलों से विभिन्न श्रेणियों के 132 मॉडल प्रदर्शित किए
लक्ष्य शर्मा और गुरमन प्रीत कौर के मॉडल हाल ही में पंचकूला में आयोजित क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था. पंचकूला में आयोजित प्रतियोगिता में हिमाचल और हरियाणा के करीब 65 स्कूलों से विभिन्न श्रेणियों के 132 मॉडल प्रदर्शित किए गए थे. इसी प्रतियोगिता के तहत ऊना के लक्ष्य और गुरमन प्रीत के मॉडल को सीबीएसई की राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी के लिए चयनित किया गया है.
इस तरह से काम करेगा मॉडलमॉडल को बनाने वाले लक्ष्य शर्मा ने बताया कि इस मॉडल में लगाए गए सेंसर की मदद से किसान देश दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर मात्र एक फोन कॉल के जरिये खेतों में पानी को चला और बंद कर सकते हैं. यही नहीं, अगर किसान खेतों में छोड़े गए पानी को बंद करना भूल गया है तो एक स्तर पर पहुँचते ही सेंसर की मदद से पानी की मोटर खुद ही बंद हो जाएगी.
स्कूल प्रबंधन भी गदगद
छात्रों की मानें तो पानी की बर्बादी को देखकर ही उन्हें इस मॉडल को बनाने का विचार आया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलशक्ति अभियान का भी आगाज किया है और यह मॉडल इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है. क्योंकि पानी की बर्बादी ही नहीं, बल्कि किसानों के समय और बिजली की भी बचत होगी. स्कूल के छात्रों की इस उपलब्धि से स्कूल प्रबंधन भी गदगद है. स्कूल के प्रबंधक निदेशक सुनील चौधरी ने कहा कि उनके स्कूल और प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि आज देश में भू-जल स्तर बहुत नीचे जा रहा है और यह मॉडल इस समस्या से निपटने के लिए कारगर साबित हो सकता है.
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एक स्तर पर पहुंचते ही यह पानी खुद भी बंद हो जाएगा. ऊना के जेएस विजडम स्कूल के आठवीं कक्षा के लक्ष्य और गुरमनप्रीत ने इस मॉडल को तैयार किया है. हाल ही में पंचकूला में आयोजित हुई सीबीएसई की क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में इस मॉडल को प्रदर्शित किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के लिए इस मॉडल का चयन हुआ है.
ऊना में भी गिर रहा है जलस्तर
जहाँ के ओर पूरा देश पानी की किल्लत से जूझ रहा है. वहीँ, हिमाचल प्रदेश का जिला ऊना भी इस समस्या से अछूता नहीं है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ देश के 255 ब्लॉक में पानी का स्तर बहुत ही नीचे जा रहा है. इन्हीं ब्लॉक में जिला ऊना भी शुमार है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ऊना जिला में एक दशक में भू-जल स्तर लगभग 2 मीटर नीचे गया है, जो कि बेहद गंभीर स्थिति है. इसका मुख्य कारण पानी की बर्बादी है, ऊना जिला में ही जमीन के नीचे मौजूद पानी से 148 प्रतिशत ज्यादा प्रयोग हो रहा है. इस चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए ऊना के छात्रों का द्वारा तैयार किया गया मॉडल कारगर साबित हो सकता है.65 स्कूलों से विभिन्न श्रेणियों के 132 मॉडल प्रदर्शित किए
लक्ष्य शर्मा और गुरमन प्रीत कौर के मॉडल हाल ही में पंचकूला में आयोजित क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था. पंचकूला में आयोजित प्रतियोगिता में हिमाचल और हरियाणा के करीब 65 स्कूलों से विभिन्न श्रेणियों के 132 मॉडल प्रदर्शित किए गए थे. इसी प्रतियोगिता के तहत ऊना के लक्ष्य और गुरमन प्रीत के मॉडल को सीबीएसई की राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी के लिए चयनित किया गया है.
इस तरह से काम करेगा मॉडलमॉडल को बनाने वाले लक्ष्य शर्मा ने बताया कि इस मॉडल में लगाए गए सेंसर की मदद से किसान देश दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर मात्र एक फोन कॉल के जरिये खेतों में पानी को चला और बंद कर सकते हैं. यही नहीं, अगर किसान खेतों में छोड़े गए पानी को बंद करना भूल गया है तो एक स्तर पर पहुँचते ही सेंसर की मदद से पानी की मोटर खुद ही बंद हो जाएगी.
स्कूल प्रबंधन भी गदगद
छात्रों की मानें तो पानी की बर्बादी को देखकर ही उन्हें इस मॉडल को बनाने का विचार आया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलशक्ति अभियान का भी आगाज किया है और यह मॉडल इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है. क्योंकि पानी की बर्बादी ही नहीं, बल्कि किसानों के समय और बिजली की भी बचत होगी. स्कूल के छात्रों की इस उपलब्धि से स्कूल प्रबंधन भी गदगद है. स्कूल के प्रबंधक निदेशक सुनील चौधरी ने कहा कि उनके स्कूल और प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि आज देश में भू-जल स्तर बहुत नीचे जा रहा है और यह मॉडल इस समस्या से निपटने के लिए कारगर साबित हो सकता है.
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First published: November 26, 2019, 5:32 PM IST