राज्य में गरीबों को मिलने वाले सरकारी राशन (Ration) में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हुई है. यह हम नहीं बल्कि खाद्य आपूर्ति विभाग (Food Supply Department) की सरकारी जांच रिपोर्ट कह रही है. विभाग द्वारा अब तक राज्य में कराये गये 4.50 लाख राशन कार्डों की जांच में 2.60 लाख राशन कार्ड (Ration cards) फर्जी मिले हैं. इन राशन कार्ड को आधार कार्ड के नंबर में हेरफेर कर बनवाया गया था.
बाद में फिजिकल वेरीफिकेशन में इसमें सत्यता पाई गई, जिसके बाद 2.60 लाख लोगों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए हैं. राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने इस बारे में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में इस तरह के कारनामे हुए हैं, जिसकी जांच कराई गई है. जांच के दौरान कई गड़बड़ी सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारी को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. उन्होंने कहा कि राशन कार्ड फर्जीवाड़े में विभागीय पदाधिकारी से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि तक शामिल हैं. क्योंकि स्थानीय जनप्रतिनिधि के हस्ताक्षर से ही राशनकार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है.
मामला प्रकाश में तब आया जब वन नेशन वन राशनकार्ड का कंसेप्ट विभाग में शुरू हुआ. आधार नंबर से राशन कार्ड नंबर लिंक अप की प्रक्रिया शुरू होते ही फर्जीवाड़ा प्रकाश में आ गया. जांच के दौरान एक-एक व्यक्ति के नाम पर चार-चार राशन कार्ड पाये गये हैं. राज्य में 58 लाख परिवार हैं, जिनका राशन कार्ड बना हुआ है जबकि 2.64 करोड़ लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं. ऐसे में सरकारी राशन का गबन फर्जी राशन कार्ड के जरिए करने में लगे विभागीय अधिकारी और लाभुकों को चिह्नित कर सरकार ने कार्रवाई करने का फैसला किया है.
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FIRST PUBLISHED : January 14, 2021, 17:03 IST