कैलाश कुमार
बोकारो. माह-ए-रमजान इस्लाम धर्म के लिए बहुत ही खास रहता है. इस पर्व की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है. रमजान के महीने में मुस्लिम समूदाय में रोजे रखने का खास रिवाज है. जहां महिलाएं, पुरूष, बूढ़े व बच्चे सभी रोजे रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि रमजान के दौरान रोजे रखने से अल्लाह सबकी मुरादें पूरी करते हैं. रमजान शुरू होने से पहले इसकी तारीख को लेकर इस बार काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. लोगों के मन में सवाल है कि रमजान 2023 की शुरुआत कब से हो रही है.
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार अनुमानित तारीख 22 मार्च थी. लेकिन चांद का नहीं दिखने के कारणों तारीख में बदलाव किया गया है. ईद दुनिया भर में मनाई जाने वाला पर्व है. हर देश के वहां चांद दिखने के हिसाब से इसकी तारीख तय होती है. ईद की तारीख की घोषणा सबसे पहले सऊदी अरब में की जाती है. वहां दिखे जांच के हिसाब से रमजान का पहला रोजा अब 24 मार्च शुक्रवार को जुम्मे के दिन रखा जाएगा.
इससे पहले गुरुवार को विभिन्न मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा की जाएगी. फिर शुक्रवार को पहला शहरी सुबह 4:30 बजे खाई जाएगी. वहीं मकरीफ अजान के पश्चात शाम 6:00 बजे रोजेदारों के द्वारा रोजा खोला जाएगा. बोकारो के चास स्थित सुल्तान नगर के इमाम नसरुल कादरी ने न्यूज18 लोकल से बातचीत में बताया कि इबादत का पाक महीना अब शुरू होने वाला है. ऐसे में हर कोई तैयारी में लगे हुए हैं. गुनाहों से बचने के लिए रोजा बहुत बड़ा हथियार है.
23 अप्रैल को मनाई जाएगी ईद
उन्होंने बताया कि रोजा का अर्थ सिर्फ भूख और प्यास नहीं है. बल्कि तमाम बुराइयों से बचने का नाम रोजा है. इसका मुख्य उद्देश्य एक दूसरों का ख्याल करना और एक दूसरे को अवसर प्रदान करना और मदद करना है. इसके साथ 30 दिनों के रोजे के बाद पूरे विश्व में 23 अप्रैल को धूमधाम से ईद मनाई जाएगी.
.
Tags: Bokaro news, Jharkhand news, Ramadan, Ramzan