रिपोर्ट- सुनील कुमार
चतरा. शारीरिक पीड़ा पर कर्तव्य इतना भारी पड़ा कि चलने में असमर्थ होने के बावजूद ड्यूटी के लिए तैनात हो गए. पत्नी के कंधे पर सवार होकर मतदानकर्मी बूथ पर पहुंचे. चतरा कॉलेज परिसर में जिसने भी यह नजारा देखा, मतदानकर्मी की कर्तव्यनिष्ठा की तारीफ की.
मतदानकर्मी मनोज उरांव सीसीएल के अशोका ओसीपी (पिपरवार यूनिट) में हेल्पर के पद पर कार्यरत है. पिछले दिनों उनके पैर में चोट लग गई. साथ ही वह बीमारी की भी चपेट में आ गए. कई दिनों से चलने फिरने में असमर्थ थे. बावजूद इसके पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई. आदेश आ गया तो उसे टालना मनोज को सही लगा. पर सवाल था कि ड्यूटी स्थल पर पहुंचे कैसे. समाज में अबला समझी जाने वाली महिला यानि उनकी पत्नी ऐसी घड़ी में आगे आई और पति के कर्तव्य का रास्ता साफ किया.
मनोज की पत्नी अपने पति को कंधे पर चढ़ा कर कॉलेज कैंपस तक पहुंचायी. हालांकि बाद में मनोज उरांव को मतदान ड्यूटी पर नहीं भेजा गया. मेडिकल बोर्ड की टीम ने उन्हें अनफिट बताया और बेड रेस्ट की सलाह दी. बहरहाल, जहां मनोज और उसकी पत्नी की कर्तव्य निष्ठा की सबने तारीफ की, वहीं सवाल यह भी उठा कि उसे इस बीमारी की हालत में आखिर क्यों मतदान ड्यूटी में लगाया गया था.
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