रिपोर्ट : परमजीत कुमार
देवघर. बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थपुरोहित समाज मंदिर के आसपास की लखराज जमीन (बसौड़ी कैटेगरी) के हस्तांतरण और निबंधन नहीं होने से नाराज हैं. मामले में जिला प्रशासन की कार्रवाई से भी संतुष्ट नहीं हैं. तीर्थपुरोहितों ने आज जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए शिवगंगा से बैद्यनाथ मंदिर तक दंड दिया. इस दौरान वीआईपी और शीघ्रदर्शनम पूजा बंद रही.
जमीन के हस्तांतरण और निबंधन शुरू कराने के लेकर पिछले 7 दिनों से पंडा समाज आमरण अनशन पर बैठा है. इस दौरान पंडा धर्मरक्षणी सभा के महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर की अगुवाई में जिला प्रशाशन और राज्य सरकारी का विरोध किया जा रहा है. तीर्थपुरोहित मनीष झा ने बताया कि आज शिवगंगा से बाबा मंदिर तक यह दंड यात्रा इसलिए निकाली गई कि बाबा बैद्यनाथ अनशन पर बैठे लोगों को हिम्मत दें. साथ ही जिला प्रशासन व नेता को सद्बुद्धि.
ऐसी जमीन जिसे स्टेट जमींदार अपने सिपाही, दरबान, पुजारी को बन्दोबस्त किया करते थे, लखराज प्रकृति की जमीन कहलाती है. लखराज प्रकृति जमीन लगान मुक्त हुआ करती थी. 1952 में जमींदारी उन्मूलन के बाद इस प्रकृति वाली जमीन पर रेंट आवश्यक होने लगा. वहीं लखराज जमीन बसौरी प्रकृति की होती है. वहीं बिना रेंट फिक्स किए जमीन की बिक्री व हस्तांतरण अवैध मानी जाती है.
लखराज जमीन के निबंधन और हस्तांतरण को लेकर पंडा धर्मरक्षणी सभा के महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर की अगवाई में 7 दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. जिला प्रशासन के द्वारा बात नहीं सुनने पर मंदिर की वीआईपी पूजा और शीघ्रदर्शनम पूजा पर रोक लगा दी गई है.
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