रिपोर्ट : मो. इकराम
धनबाद. ठंड में दामोदर नदी में होनेवाले शैवाल घास के कारण झरिया और पुटकी इलाके में जलापूर्ति प्रभावित हो रही है. नदी से रॉ वाटर के उठाव में लगे इंटेक वॉल्ब में बार-बार शैवाल आ जाने से यह जाम हो जा रहा है. इससे झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (JHAMADA) जल संयंत्र केंद्र के 12 MGD और 9 MGD जल भंडारण गृह में पानी भंडारण कार्य प्रभावित होता है.
नदी से आए शैवाल के कारण इंटेक वॉल्ब में लगे फुटबॉल हर दो घंटे में जाम हो जाते हैं. झमाडा कर्मी पंप बंदकर जब तक इसकी सफाई करते रहते हैं तब तक पानी की सप्लाई ठप रहती है. बार-बार ऐसा होने की वजह से झरिया और पुटकी के इलाके में जरूरत के हिसाब से जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे झरिया और पुटकी के इलाके की 8 लाख की आबादी प्रभावित हो रही है.
झरिया के रहनेवाले अमित कुमार ने बताया कि झमाडा की ओर से समय पर जलापूर्ति नहीं की जा रही है. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है. उन्हें पानी का वैकल्पित उपाय करना पड़ रहा है. लोग दूर-दराज से पानी लाने को मजबूर हैं. घर के लिए पानी जुटाने के चक्कर में रोजगार भी प्रभावित हो रहा है और पैसे भी खर्च करने पड़ रहे हैं.
झमाडा के जल कार्य अधीक्षक पंकज झा ने बताया कि ठंड के दिनों में शैवाल घास नदी में आ जाता है. वह इंटेक वॉल्ब के फुटबॉल में जाकर जमा हो जाता है. इससे जलापूर्ति बाधित होती है. समय-समय पर इसकी सफाई कराई जा रही है. फुटबॉल की सफाई के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
बता दें कि ठंड के समय में पानी के निचली सतह पर होने वाले लंबे-लंबे घास को शैवाल कहा जाता है. दामोदर नदी से पानी के खिंचाव के दौरान ये शैवाल वॉल्ब के फुटबॉल में जमा होने लगते हैं. जिससे पानी की सप्लाई कम हो जाती है. इस वजह से यहां से होने वाली जलापूर्ति ठंड के मौसम में प्रत्येक साल प्रभावित होती है. इस परेशानी से निबटने के लिए झमाडा ने बहुत पहले जाली बनाने की योजना बनाई थी. लेकिन उसपर आजतक काम शुरू नहीं हो पाया है.
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