रिपोर्ट- मो. इकराम
धनबाद. धनबाद कोर्ट में वकालत कर रहे लगभग एक हजार वकीलों के प्रैक्टिस पर ग्रहण लग सकता है. इनका लाइसेंस भी रद्ध किया जा सकता है. साथ ही बार काउंसिल के चुनाव में वोटिंग राइट भी छीन सकता है. दरअसल, झारखंड बार काउंसिल व जिला बार काउंसिल के बार-बार कहने के बाद भी कई अधिवक्ताओं ने वेरिफिकेशन फॉर्म नहीं भरा है. वकीलों को अपना लाइलेंस रिनुअल कराने के लिए प्रत्येक साल ऑल इंडिया बार काउंसिल के रूल 40 के तहत वेरिफिकेशन फॉर्म भरना होता है. इस मामले में जिले के कई वकील लापरवाही बरत रहे हैं. इस फॉर्म को भरने के लिए 2 हजार रुपये का चालान कटाना होता है.
मालूम हो कि रूल 40 के तहत वेरिफिकेशन फॉर्म में वकील यह जानकारी देते हैं कि वह किस जिले या बार से संबद्ध हैं. साथ ही यह भी बताते हैं कि वह किस बार एसोसिएशन के वोटर हैं और उनका इनरोलमेंट नंबर क्या है? इसी आधार पर ऑल इंडिया बार काउंसिल वकीलों के प्रैक्टिस करने का लाइसेंस जारी करता है. कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए अधिवक्ताओं के पास यह लाइसेंस होना अनिवार्य होता है. वेरिफिकेशन फॉर्म नहीं भरने की स्थिति में उन्हें बार काउंसिल के चुनाव में वोट डालने का अधिकार भी नहीं होता है.
वकीलों के लिए फॉर्म भरना अनिवार्य
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी ने News18 Local को बताया कि ऑल इंडिया बार काउंसिल के निर्देश के रूल 40 के तहत वेरिफिकेशन फॉर्म भरने वाले वकीलों का ही नाम एसोसिएशन के वोटर लिस्ट में जोड़ा जाता है. लिस्ट में नाम जुड़ने के बाद ही वह राज्य काउंसिल की ओर से होने वाले चुनाव में वोटिंग कर सकेंगे. साथ ही उन्हें काउंसिल व जिला बार एसोसिएशन की ओर से चलाई जा रही वेलफेयर की योजनाओं का लाभ मिलेगा. इसलिए सभी वकीलों को यह फार्म भरना चाहिए.
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Tags: Bihar News, Dhanbad news
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