रिपोर्ट- नीतेश कुमार
दुमका. दुमका की 2 लड़कियां बीते तीन साल से लापता है. काम की तलाश में दिल्ली गईं इन लड़कियों से इनके परिजनों का संपर्क बीते 3 साल से नहीं हो पाया है. परिजन नहीं जानते हैं कि उनकी बेटियां कहां और किस हाल में हैं. अब परिजनों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) से दोनों लड़कियों की बरामदगी की गुहार लगाई है. परिजनों को आशंका है कि उनकी बच्चियां मानव तस्करों (Human Trafficking) के चंगुल में फंस गई हैं. इसी वजह से उनका बेटियों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला दुमका जिला के शिकारीपाड़ा थानाक्षेत्र अंतर्गत सरसडंगाल पंचायत के पोखरिया और मकड़ापहाड़ी गांव का है.
बताया जाता है कि यहां की निवासी 2 लड़कियां मिरू टुडू और चांदमुनी हांसदा का बीते 3 साल से कोई अता-पता नहीं है. परिजनों का कहना है कि पश्चिम बंगाल के नलहटी की रहने वाली आरती हांसदा साल 2018 में दोनों को काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली ले गई थी. परिजनों का आरोप है कि कुछ दिनों तक दोनों लड़कियों की बातचीत परिवार वालों से करवाई गई लेकिन बाद में संपर्क टूट गया.
परिजनों का यह भी कहना है कि अब आरती हांसदा ने उनका भी फोन उठाना बंद कर दिया है. परिवार वालों ने अब शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी सहित जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर बेटी की बरामदगी की गुहार लगाई है. परिजनों की शिकायत है कि शिकारीपाड़ा थाना में अब तक इस मामले को लेकर एफआईआर भी दर्ज नहीं किया गया है. बार-बार गुहार लगाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
इधर दोनों बेटियों के नहीं मिलने से परिजनों को कई तरह का डर सता रहा है. परिजनों को डर है कि उनकी बेटियां मानव तस्करी का शिकार हो गयी हैं. ऐसे में उनकी हेमंत सरकार से मांग है कि राज्य सरकार उनकी बेटियों बरमदगी में उनकी सहायता करे.
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