रिपोर्ट- नितेश कुमार
रांची. झारखंड सरकार चाहे लाख दावे करे की राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है, लेकिन उन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और कहानी बयां करती हैं. तभी तो स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दिये जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि झारखंड के दुमका जिले में स्कूलों के छुट्टी के समय में मनमानी की बात सामने आ रही है.
दरअसल झारखंड की उपराजधानी दुमका में वैसे तो स्कूलों में छुट्टी का समय दोपहर दोपहर 3 बजे निर्धारित हैं, लेकिन यहां दुमका के जामा प्रखण्ड में पड़ने वाला प्राथमिक विद्यालय खिजरी में दोपहर 12 बजे से ही ताला लटकने लगता है. स्थानीय लोगों के अनुसार ऐसा नजारा स्कूल में आए दिन देखने को मिलता है.
जानें क्या कहते हैं शिक्षक
इस संबंध में जब रसोइये से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि स्कूल में दो शिक्षक हैं. एक विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम गुरु गोष्ठी में गए है और दूसरे रिपोर्ट जमा करने की बात कहकर स्कूल बंद कर के चले गए हैं. वहीं इस बारे में ग्रामीणों का कहना है कि यहां शिक्षक अक्सर किसी न किसी काम से दोपहर में बाहर चले जाते हैं और स्कूल दोपहर 12 बजे ही बंद कर दिया जाता हैं. इस संबंध में जब न्यूज 18 संवाददाता ने प्राथमिक विद्यायल खिजरी स्कूल के प्राचार्य संतोष कुमार से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने बताया कि वह रिपोर्ट जमा कराने गए थे. वहीं एक सहायक शिक्षक गुरु गोष्ठी के कार्यक्रम में भाग लेने गए हैं.
दूसरे स्कूलों में पहले ही कर दी जाती है छुट्टी
ऐसा नहीं है कि इस इलाके में यह ऐसा एक इकलौता प्राथमिक विद्यालय है. प्राथमिक विद्यालय जंगला में भी मिड डे मील के बाद ही छुट्टी दे दी जाती है. मतलब दोपहर 1 बजे के स्कूल से बच्चे घर चले जाते हैं और मास्टर जी स्कूल में अकेले रह जाते हैं. इनसे जब न्यूज 18 की टीम ने सवाल पूछना चाहा तो शिक्षक बचकर निकलने लगे. इस बारे में छात्रों के परिजनों का कहना है कि शिक्षक अक्सर मनमानी करते हैं और 3 बजे की जगह 12 बजे ही छुट्टी दे देते हैं. अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इस तरह की शिक्षा व्यवस्था से नींव कैसे मजबूत होगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Dumka news, Government School, Jharkhand news