घाटशिला. झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित घाटशिला के बीहड़ और पहाड़ी इलाके के कारलाबेड़ा गांव में मंगलवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला. मौका था गांव में पत्थर और मिट्टी से बने पीएम आवासों के उद्घाटन का. असल में इस गांव तक पहुंचने के लिए किसी भी दिशा से कोई रास्ता नहीं है. पहाड़ पर बसे इस गांव में पैदल ही 4 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है. इसके बावजूद इस गांव में पीएम आवास योजना के तहत घर बनाए गए. मंगलवार को इसका उद्घाटन करने के लिए यहां जिला के उपविकास आयुक्त टीम के साथ पैदल ही पहुंचे थे. जिले के अधिकारियों के पहली बार गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों से उनका स्वागत किया.
पहाड़ी गांव कारलाबेड़ा तक पहुंचने के लिए जिला और प्रखंड की टीम के साथ उपविकास आयुक्त (DTC) परमेश्वर भगत को पथरीले रास्ते पर कई बार सुस्ताना पड़ा. थोड़ी देर आराम करने के बाद चलने लगते थे. अधिकारी आराम करने के बाद फिर उस पहाड़ पर चढ़ने लगते. तीन से चार किलोमीटर की ऊंचाई चढ़कर गांव पहुंचे अफसरों का ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया.
डीडीसी परमेश्वर भगत के गांव पहंचने पर सबसे पहले ग्रामीणों ने पीने के पानी की समस्या बताई. उन्होंने जर्जर कुआं भी उनको दिखाया. इसके बाद गांव में चेक डैम, तालाब, मेड़ बंदी समेत अन्य योजनाओं को लेकर डीडीसी ने विभिन्न स्थलों का भ्रमण किया. उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही गांव में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मिलेगा. गांव में पत्थर और मिट्टी के 6 पीएम आवास और एक आंबेडकर आवास का उद्घाटन डीडीसी परमेश्वर भगत ने किया. पीएम आवास को दुल्हन की तरह सजाया गया था, रंग-रोगन के साथ पीएम आवास को देखकर कहीं से भी नहीं लग रहा था कि यह पत्थर और मिट्टी के बने हैं.
ग्रामीणों के साथ ढोल की थाप पर थिरकते रहे DDC
इस मौके पर उपविकास आयुक्त परमेश्वर भगत ने गांव के ग्रामीणों के साथ धमसा की आवाज आदिवासी परंपरा के अनुसार नृत्य भी किया. डीडीसी के साथ गुड़ाबांधा प्रखंड के बीडीओ सदानंद महतो, डीआरडीएस रिंकु कुमार, सुमन मिश्रा और पंचायत की मुखिया फुलमनी मुर्मू भी ढोल और धमसा की थाप पर नाचने लगे. ग्रामीणों ने डीडीसी से मुख्य सड़क बनवाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि गांव तक पहुंचने के लिए किसी तरह का कोई रास्ता न होने पर गांव का विकास नहीं हो पाया. अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे भगवान भरोसे ही छोड़ दिया जाता है. ग्रामीणों की मांग पर डीडीसी ने भरोसा दिया कि इस गांव को मुख्य सड़क तक जोड़ने के लिए जल्द ही पहल की जाएगी.
बता दें कि कारलाबेड़ा गांव में सबसे पहले पूर्व बीडीओ सीमा कुमारी पैदल पहाड़ चढ़कर पहुंची थीं और ग्रामीणों की समस्या जाना था. उन्होंने यहां पर पीएम आवास की आधारशिला रखी थी. सीमा कुमारी ने ही जिला और राज्य को रिपोर्ट में लिखी थी कि पहाड़ की चोटी पर बसा गांव में पत्थर और मिट्टी से ही पीएम आवास बन सकते हैं, जिस पर डीआरडीए की टीम ने सर्वे कर पत्थर और मिट्टी के आवास बनाने के लिये स्वीकृति दी थी.
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