झारखंड के पूर्वी सिंहभूम में 15 साल के बाद भी सरकारी वादा पूरा नहीं हो पाया. गुडाबांधा के पटरामारा गांव के दो परिवारों का धैर्य अब जवाब दे दिया है. इन्होंने अब नौकरी की आस भी छोड़ दी है.
दरअसल साल 2004 में पटरामारा गांव के दो युवक कांडे गोडसोरा और दुंभी होनहांगा की मौत
में हो गई. तब नक्सलियों ने डोंगादोह जंगल में कच्ची सड़क पर विस्फोट कर पुलिस जीप को उड़ा दिया था. उस घटना में एक इंस्पेक्टर, पुलिस ड्राइवर और
हो गई थी. दोनों युवक पुलिस को नक्सलियों के द्वारा चिपकाये गये पोस्टर को दिखाने ले जा रहे थे. उसी दौरान रास्ते में हुए विस्फोट में उनकी मौत हो गई.
इस हमले के शिकार इंस्पेक्टर और पुलिस ड्राइवर के परिजनों को तो सरकार की ओर से नौकरी और मुआवजा दे दी गयी. लेकिन मृतक दो युवकों के परिवारवालों को 50 हजार रुपये देकर सरकार नौकरी देने का अपना वादा भूल गई. घटना को 15 साल बीत गये दोनों युवकों के परिवार अब उस सरकारी वादे को लेकर आस तक छोड़ दी है. दोनों युवक नागरिक सुरक्षा समिति के सदस्य थे. और नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में पुलिस की मदद करते थे.
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FIRST PUBLISHED : February 06, 2019, 13:51 IST