झारखंड के घाटशिला के नक्सल प्रभावित इलाके झाटीझरना गांव में उपस्वास्थ्य केन्द्र सफाई कर्मी के भरोसे चल रहा है. इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी के कारण सफाईकर्मी अपनी सूझबूझ से मरीजों का इलाज कर रहे हैं. ये कहा जा सकता है कि ये
जब कभी यहां डॉक्टर नहीं आते है तो मरीज घंटों बिमारी से परेशान रहते हैं ऐसे में सफाईकर्मी की मदद उन्हें थोड़ी राहत देती है. इलाके में मरीजों का इलाज सबसे बड़ी परेशानी बन गया है क्यों कि इस उपस्वास्थ्य केन्द्र के अलावा यहां आस-पास कोई भी अस्पताल नहीं है. कुछ मरीज जो दूर तक जा सकते हैं वो 45 किलोमीटर दूर बंगाल के डॉक्टर से इलाज कराते हैं
सालों से अस्पताल की हालत ऐसी ही है. हैरानी की बात ये है कि गांव में प्रशासनिक पदाधिकारी का दौरा होता है तो डॉक्टर अस्पताल में किसी तरह पहुंच जाते हैं और कार्यक्रम के खत्म होते ही लौट जाते हैं. ग्रामीणों ने कई बार डॉक्टरों की स्थायी नियुक्ति की मांग की है लेकिन ऐसा नहीं हो सका है.
हालत ये है कि सफाईकर्मी अपनी जानकारी से लोगों का इलाज कर रहे हैं. डॉक्टर के नहीं आने पर बुखार, दस्त और साधरण बिमारियों का इलाज वो आसानी से कर ले रहे हैं लेकिन जहां बड़ी बिमारियां सामने आती है वहां ये सफाईकर्मी नाकाम है.
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FIRST PUBLISHED : August 27, 2017, 10:44 IST