घाटशिला में किसानों ने बंजर भूमि में आमबगानी की है. 40 सालों से बेकार पड़े बंजर भूमि पर बिरसा मुंडा आमबगानी योजना से किसानों की किस्मत बदलकर रख दी है. जिस जमीन पर कभी किसानों को यह उम्मीद नहीं थी कि उस पर कभी वे खेती कर पाएंगे वैसे जमीन पर आज 390 आम के पैधे लहरा रहे हैं.
पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ प्रखंड के धाधकीबोनी गांव में मनरेगा योजना के तहत 40 सालों से बेकार बंजर पड़ी जमीन पर आमबगानी की गयी है. योजना के तहत 6 लाभूकों को एक साथ मिलाकर 2 एकड़ 76 डिसमील बंजर जमीन पर 390 आम के पौधे लगाये गये हैं. इसी आम बगानी में कृषि जिला योजना से किसानों को हरी सब्जी के लिए भी प्रेरित किया गया है. जिससे लाभूको ने इस वर्ष तरबूज की खेती कर लाखों रूपये की आमदनी की है. 40 साल से बेकार और बंजर जमीन पर हरी सब्जी और आमबगानी से किसान काफी खुश हैं. आने वाले आम के पेड़ से लाखों रूपये आमदनी की संभवाना से किसानों में हर्ष है.
आपको बता दे कि सरकार की योजना बिरसा मुंडा आमबगानी योजना के तहत वैसे बंजर और पहाड़ी भूमि पर आमबगानी करायी जाती है, जिससे किसानों को प्रति वर्ष लाखों रूपये की आमदनी हो सके. इसी के तहत धालभूमगढ़ प्रखंड के धाधकीबोनी गांव में 2 एकड़ 76 डिसमील बंजर भूमि पर आमबगानी की गयी है.
पंचायत के पंचायत सचिव बताते है कि इस योजना के तहत पहले बंजर भूमि की तलाश की गयी. 40 सालों से धाधकीबोनी गांव में कई एकड़ जमीन बेकार पड़ी थी, जिसे लाभूकों को बताया गया कि सरकार की यह योजना है. योजना के तहत पांच लाभूकों को मिलाकर एक आमबगानी की गयी है, करीबन तीन एकड़ जमीन पर फलदार वृक्ष आम के पेड़ लगाए गए. जमीन को मनरेगा के तहत पहले समतल कर मेढ़ बनाये गया ताकि पानी का ठहराव हो सके. इसके बाद आम के पौधे लगाए गए. इसी आम बगानी में जिला कृषि विभाग की ओर से स्वंयसेवी संस्था आरडीए ने भी किसानों को प्रेरित करते हुए सब्जी की खेती पर किसानों को सहयोग किया. फलदार पेड़ के पौधे के बीच हरी सब्जी की खेती की गयी. इस बार किसानों ने तरबूज की खेती की है, जिससे उन्हे इस वर्ष लाखों रूपये की आमदनी हुई है. उगायी गयी फसल से तीन एकड़ जमीन पर जिस लाभुक की जितनी जमीन है उसमें ही बटवारा कर लेते हैं.
स्वयंसेवी संस्था आरडीए के सदस्य बताते है कि वे समय समय पर आमबगानी की देख-रेख करते रहते हैं. सब्जी के खेती के लिए उन्होंने किसानो को प्रेरित किया और सरकार की योजना के तहत ही आमबगानी में सिंचाई की व्यवस्था की गयी.
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FIRST PUBLISHED : May 22, 2018, 13:52 IST