जिले के घाटशिला अनुमंडल में पहाड़ की चोटी पर बसे लखाइडीह गांव में पूर्व नक्सली एरिया कमांडर (Former Naxal Commander) महेश्वर मुर्मू ने ग्रामीणों (Villagers) के बीच राहत सामग्री का वितरण किया. लखाइडीह गांव जाने के लिये चार पहाड़ों को पार करना पड़ता है. गांव तक पहुंचने में 12 किलोमीटर का रास्ता इतना दुर्गम है कि शायद ही कोई अधिकारी इधर आने की कोशिश करे. लेकिन पूर्व नक्सली ने गांव पहुंचकर लॉकडाउन (Lockdown) में ग्रामीणों को मदद पहुंचाई.
बिरसा युवा सेवा समिति के संस्थापक बबलू सूंडी ने कहा कि पूर्व नक्सली महेश्वर मुर्मू ने अपने इस काम से संदेश देने की कोशिश की है. अब वह नक्सली नहीं हैं, बल्कि समाज से जुड़कर लोगों की सेवा करना चाहते हैं. पहले यह इलाका महेश्वर मुर्मू के नाम थर्राता था, लेकिन अब लोगों को डरने की जरूरत नहीं है.
वर्ष 2004 में एरिया कमांडर महेश्वर मुर्मू ने नक्सली संगठन से नाता तोड़ लिया और समाज की मुख्यधारा से जुड़ गये. तब से वह सामाजिक कार्यों और जरूरत के वक्त लोगों की मदद के लिए खड़े रहते हैं. महेश्वर मुर्मू ने कहा कि राज्य सरकार के आदेश के बावजूद कोरोना संकट के इस दौर कई गरीबों को सरकारी राशन नहीं मिल पा रहा, क्योंकि इनके पास राशनकार्ड नहीं हैं. ऐसे लोगों को इस संकट में खाने-पीने की दिक्कत न हो, इसलिए उन्हें राशन मुहैया कराया.
इस दौरान बिरसा सेवा समिति के संस्थापक बबलू सूंडी, आदिवासी हो समाज युवा महासभा के गब्बर सिंह हेम्ब्रम और शंकर सुंडी समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों को कोरोना वायरस को लेकर जागरूक किया. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग में रहने को कहा गया. और घरों में ही रहने की अपील की गई. मास्क पहने और हाथों को बार-बार सेनिटाइज करने की सलाह दी गई.
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FIRST PUBLISHED : May 02, 2020, 17:09 IST