के साथ ही टुसू मेले का आयोजन शुरू हो गया है. यह मेला बुधवार से शुरू हो कर 26 जनवरी तक विभिन्न इलाकों में धूमधाम के साथ चलता रहेगा. इस दौरान ग्रामीण इलाके के बच्चे होंं या बूढ़े, सभी लोग टुसू
का आनंद उठाते हैं. साथ ही युवक मेले में विभिन्न प्रकार की वेशभूषा धारण कर नाचते और टुसू गीत गाते हैं. झारखंड का महापर्व मकर संक्रांति के मौके पर घाटशिला के ग्रामीण इलाके में टुसू मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में लोग टुसू की प्रतिमा लेकर आते हैं, जिसमें जिसकी सबसे अच्छी और बड़ी प्रतिमा होती है, उसे पुरस्कार दिया जाता है.
टुसू मेले में दूरदराज से लोग एक-दूसरे का हाथ थाम कर नाचते और गाते हैंं. अपने शरीर पर रंग पोत कर युवक ऐसी वेशभूषा धारण करते हैं, जिसे लोग देखकर आनंद उठाते हैं. मेले में तरह-तरह की दुकानें लगाई जाती हैं. लोग खाने-पीने के साथ-साथ बच्चों के लिए नए खिलौने समेत अन्य सामग्री की खरीदारी भी करते हैं.
मकर संक्रांति के दिन घाटशिला के सुवर्णरेखा नदी घाट से टुसू मेले की शुरुआत की जाती है. इसके बाद गांव के नदी-नाले के समीप टुसू मेले का आयोजन होता है. घाटशिला अनुमंडल के अलग- अलग गांवों में टुसू मेले का आयोजन किया जाता है.
टुसू मेले में मुर्गा पाड़ा समेत कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस दौरान गांव के दिहाड़ी मजदूर दस दिनों तक लंबी छुट्टी लेकर अपने घर आते हैं और अपने परिवारों के साथ टुसू मेले का आनंद उठाते हैं. सुरक्षा को लेकर टुसू मेले में पुलिस जवान को तैनात किया जाता है ताकि शांतिपूर्ण तरीके से टुसू मेले का आयोजन संपन्न हो सके.
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FIRST PUBLISHED : January 16, 2019, 10:02 IST